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Bihar Election 2025: केशव मौर्य का बड़ा दांव, ‘सौ में साठ हमारा’ के साथ एनडीए की हुंकार

यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्ययूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपनी रणनीतिक तैयारियां तेज कर दी हैं। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस सिलसिले में एक जोरदार बयान देकर सियासी माहौल गरमा दिया है। उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की शानदार जीत का जिक्र करते हुए उन्होंने विपक्षी इंडिया गठबंधन पर नक्सलवाद को बढ़ावा देने का अप्रत्यक्ष आरोप लगाया और बिहार चुनाव के लिए एनडीए का नया नारा पेश किया।

केशव मौर्य का सोशल मीडिया पर हमला

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मौर्य ने लिखा, “एनडीए ने उपराष्ट्रपति चुनाव में 60% से अधिक वोट हासिल कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इंडिया गठबंधन ने इस चुनाव में उस नक्सलवाद को बढ़ावा देने की कोशिश की, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने लगभग जड़ से उखाड़ दिया है।

‘सौ में साठ हमारा, बाकी में बंटवारा’

मौर्य ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए का आत्मविश्वास भरा नारा पेश किया: “सौ में साठ हमारा, बाकी में बंटवारा।” उन्होंने दावा किया कि जनता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डबल इंजन सरकार इसलिए पसंद है, क्योंकि यह हर वर्ग के जीवन में समृद्धि और उजाला लाती है। मौर्य ने नए उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन को उनकी शानदार जीत पर बधाई देते हुए कहा कि इस जीत ने पूरे देश में नया जोश और उत्साह भरा है।

विपक्ष पर तीखा प्रहार

मौर्य ने इंडिया गठबंधन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह गठबंधन बुरी तरह बिखर चुका है। उन्होंने भरोसा जताया कि बिहार में एनडीए की जीत तय है और 2027 में उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी का परचम लहराएगा। यह बयान न केवल बिहार बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी बीजेपी की आक्रामक रणनीति को दर्शाता है।

बिहार में एनडीए की रणनीति

बिहार विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने की संभावना है। बीजेपी, जनता दल (यूनाइटेड) (जदयू), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) जैसे सहयोगी दलों के साथ मिलकर सत्ता में वापसी की जोरदार कोशिश कर रही है। हालांकि, सीट बंटवारे पर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है, लेकिन एनडीए ने विकास, सामाजिक कल्याण, और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को अपनी रणनीति का केंद्र बनाया है।

चुनौतियां और अवसर

बिहार में जातिगत समीकरण और सामाजिक न्याय के मुद्दे हमेशा से चुनावी राजनीति का अहम हिस्सा रहे हैं। बीजेपी और जदयू ओबीसी और अन्य जातिगत समूहों को साधने की कोशिश में हैं, जबकि विपक्षी इंडिया गठबंधन, खासकर आरजेडी, युवा, रोजगार, और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर जोर दे रहा है। मौर्य का यह बयान न केवल एनडीए के आत्मविश्वास को दर्शाता है, बल्कि विपक्ष को एकजुट होने की चुनौती भी देता है।

केशव मौर्य का यह बयान बिहार के सियासी रण में एनडीए की आक्रामक शुरुआत का संकेत है। अब देखना यह है कि क्या ‘सौ में साठ हमारा’ का नारा बिहार की जनता को लुभा पाएगा, या विपक्ष इस चुनौती का जवाब नई रणनीति के साथ देगा।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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