बिहार की सियासत में हलचल बढ़ती नजर आ रही है। भले ही विधानसभा चुनावों में अभी 10 महीने का समय है, लेकिन नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की हालिया तस्वीर ने राजनीतिक अटकलों को हवा दे दी है। गुरुवार को नए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के शपथ ग्रहण समारोह में सीएम नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक साथ दिखे। तस्वीर में तेजस्वी, नीतीश का अभिवादन करते हुए हाथ जोड़ते दिख रहे हैं, जबकि नीतीश उनके कंधे पर हाथ रखकर मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं इस तस्वीर के सामने आने से पहले लालू यादव के बयान ने राजनीतिक पारा बढ़ा दिया था। लालू ने कहा था कि नीतीश कुमार के लिए उनके दरवाजे खुले हैं। यदि नीतीश आते हैं, तो वह उन्हें साथ ले लेंगे। उनके इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में कयासों का दौर शुरू हो गया था हालांकि, तेजस्वी यादव ने लालू के बयान को गंभीरता से न लेने की बात कहकर इन अटकलों को खारिज करने की कोशिश की। उन्होंने इसे सिर्फ मीडिया का मुंह बंद करने के लिए दिया गया बयान बताया। इसके बावजूद तेजस्वी के इस बयान ने नई बहस को जन्म दे दिया है राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि एक ओर लालू यादव नीतीश को सियासी संकेत दे रहे हैं, वहीं तेजस्वी की प्रतिक्रिया आरजेडी के भीतर असहमति का संकेत हो सकती है। बिहार की राजनीति में इस तस्वीर और बयानों के मायने आने वाले समय में स्पष्ट होंगे
बिहार की सियासत में यू-टर्न की अटकलें, नीतीश-तेजस्वी की तस्वीर चर्चा में

बिहार की सियासत में हलचल बढ़ती नजर आ रही है। भले ही विधानसभा चुनावों में अभी 10 महीने का समय है, लेकिन नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की हालिया तस्वीर ने राजनीतिक अटकलों को हवा दे दी है। गुरुवार को नए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के शपथ ग्रहण समारोह में सीएम नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक साथ दिखे। तस्वीर में तेजस्वी, नीतीश का अभिवादन करते हुए हाथ जोड़ते दिख रहे हैं, जबकि नीतीश उनके कंधे पर हाथ रखकर मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं इस तस्वीर के सामने आने से पहले लालू यादव के बयान ने राजनीतिक पारा बढ़ा दिया था। लालू ने कहा था कि नीतीश कुमार के लिए उनके दरवाजे खुले हैं। यदि नीतीश आते हैं, तो वह उन्हें साथ ले लेंगे। उनके इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में कयासों का दौर शुरू हो गया था हालांकि, तेजस्वी यादव ने लालू के बयान को गंभीरता से न लेने की बात कहकर इन अटकलों को खारिज करने की कोशिश की। उन्होंने इसे सिर्फ मीडिया का मुंह बंद करने के लिए दिया गया बयान बताया। इसके बावजूद तेजस्वी के इस बयान ने नई बहस को जन्म दे दिया है राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि एक ओर लालू यादव नीतीश को सियासी संकेत दे रहे हैं, वहीं तेजस्वी की प्रतिक्रिया आरजेडी के भीतर असहमति का संकेत हो सकती है। बिहार की राजनीति में इस तस्वीर और बयानों के मायने आने वाले समय में स्पष्ट होंगे