वार्डों का आरक्षण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और सामान्य वर्ग की श्रेणियों में किया गया है। इस बार की लॉटरी में ठाकरे गुट की शिवसेना को बड़ा झटका लगा है।
2017 के चुनावों की तुलना में कई वार्डों के आरक्षण में बदलाव हुआ है।
पहले सामान्य वर्ग में आने वाले कई वार्ड अब ओबीसी श्रेणी में आ गए हैं, जिससे ठाकरे गुट के कई वरिष्ठ नेताओं के समीकरण बिगड़ गए हैं। खासकर तेजस्विनी घोसालकर और मिलिंद वैद्य जैसे नेताओं के निर्वाचन क्षेत्र अब ओबीसी के लिए आरक्षित हो गए हैं।
तेजस्विनी का वार्ड क्रमांक 1 और मिलिंद वैद्य का वार्ड क्रमांक 182, दोनों अब OBC आरक्षित हैं। ठाकरे गुट के वरिष्ठ नेता विनोद घोसालकर के परिवार को बड़ा झटका लगा है।
उनकी बहू तेजस्विनी घोसालकर, जो वार्ड क्रमांक 1 से चुनाव की तैयारी में थीं, अब उस वार्ड के ओबीसी में आरक्षित हो जाने से चुनाव नहीं लड़ पाएंगी।
इसी तरह कैप्टन मलिक और रवि राजा के वार्ड भी आरक्षित हो गए हैं, जिससे राजनीतिक रणनीतियों में बड़ा फेरबदल होना तय है। अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 2 वार्ड आरक्षित वार्ड संख्या: 53 और 121
ये दोनों सीटें अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित की गई हैं। अब 61 वार्ड ओबीसी के लिए आरक्षित मुंबई महानगरपालिका की कुल 61 सीटें ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित हैं।
इनमें कई ऐसे वार्ड शामिल हैं जो पहले सामान्य वर्ग में थे।
कुछ प्रमुख ओबीसी आरक्षित वार्ड निम्नलिखित हैं: 1, 6, 10, 12, 13, 18, 19, 27, 32, 33, 41, 45, 46, 49, 50, 52, 63, 69, 70, 72, 76, 80, 82, 85, 87, 91, 95, 100, 105, 108, 111, 113, 117, 118, 128, 129, 130, 135, 136, 137, 138, 146, 147, 150, 153, 158, 167, 170, 171, 176, 182, 187, 189, 191, 193, 195, 208, 216, 219, 222, 223, 226. इन वार्डों में पूर्व पार्षद पंकज यादव, हर्षदा नार्वेकर, विशाखा राउत, रमाकांत रहाटे, नील सोमैया, सान्वी टंडेल और अनिल पठानकर जैसे नेता प्रभावशाली रहे हैं। आरक्षण लॉटरी के बाद मुंबई की राजनीति में नए समीकरण बनने लगे हैं।
शिवसेना (ठाकरे गुट), भाजपा, कांग्रेस और एनसीपी के कई नेताओं को अब अपने वार्ड बदलने या नए क्षेत्र से टिकट मांगने की स्थिति बन रही है।
बीएमसी चुनाव 2025 से पहले इस बदलाव ने राजनीतिक तापमान और बढ़ा दिया है।

