Report By : ICN Network
मुंबई महापालिका ने इस बार के गणेश चतुर्थी उत्सव को पर्यावरण के अनुकूल और हरित बनाने के लिए शाडू माटी का मुफ्त वितरण शुरू किया है। यह कदम प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) की मूर्तियों के उपयोग पर रोक लगने के बाद उठाया गया है, ताकि पर्यावरण की सुरक्षा की जा सके और पारंपरिक तरीके से मूर्तियां बनाने को बढ़ावा दिया जा सके।
शाडू माटी, जो पूरी तरह प्राकृतिक और पर्यावरण के अनुकूल होती है, का वितरण मुंबई में मूर्तिकारों को उनकी जरूरत के अनुसार किया जाएगा। महापालिका ने मूर्तिकारों के लिए कुछ जगहें भी उपलब्ध करवाई हैं, जहां वे अस्थायी रूप से मूर्तियां बना सकते हैं। शिल्पकार महापालिका की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं और माटी प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
हालांकि, कुछ बड़े गणेशोत्सव मंडल, जो पारंपरिक रूप से 18 फुट ऊंची मूर्तियां बनाते हैं, उन्होंने इस फैसले पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि इतनी बड़ी मूर्तियों के निर्माण के लिए केवल शाडू माटी पर्याप्त नहीं होगी और इसके कारण उनकी पारंपरिक शैली प्रभावित हो सकती है।
बृहन्मुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समन्वय समिति ने सरकार और महापालिका से अनुरोध किया है कि वे पारंपरिक मूर्तियों के लिए पर्यावरण के अनुकूल वैकल्पिक सामग्रियों पर भी विचार करें, जिससे उत्सव की परंपरागत भव्यता और पर्यावरण संरक्षण दोनों साथ-साथ चल सकें।
इस तरह महापालिका का यह प्रयास न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि मुंबई में गणेशोत्सव को और भी अधिक हरित एवं जिम्मेदार बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम भी माना जा रहा है।