Report By : ICN Network
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में घर खरीदारों से धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई को जांच का आदेश दिया है। कोर्ट ने पाया कि बिल्डरों और बैंकों के बीच “अशुद्ध गठजोड़” के कारण हजारों घर खरीदारों को नुकसान हुआ है। इस आदेश से प्रभावित घर खरीदारों को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।
यह मामला उन घर खरीदारों से संबंधित है जिन्होंने सबवेंशन योजना के तहत फ्लैट बुक किए थे। इस योजना में बैंक बिल्डरों को होम लोन की 60 से 70 प्रतिशत राशि अग्रिम देती हैं, जबकि प्रोजेक्ट तय समय पर पूरा नहीं हो पाता। घर खरीदारों को न तो फ्लैट मिलते हैं और न ही वे लोन की ईएमआई भरने से बच पाते हैं।
सीबीआई को सात प्राथमिक जांचें (PEs) शुरू करने का आदेश दिया गया है, जिनमें से पहली जांच सुपरटेक लिमिटेड पर केंद्रित होगी। इसके बाद अन्य बिल्डरों के खिलाफ भी जांच की जाएगी। जांच में यह देखा जाएगा कि बैंकों ने लोन की राशि बिल्डरों को कैसे दी और घर खरीदारों को किस प्रकार से धोखा दिया गया।
इस आदेश के बाद प्रभावित घर खरीदारों में उम्मीद जगी है कि उन्हें न्याय मिलेगा और उनकी वर्षों पुरानी समस्याओं का समाधान होगा। वे चाहते हैं कि जांच समयबद्ध तरीके से पूरी हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश घर खरीदारों के लिए एक बड़ी राहत है। सीबीआई की जांच से उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में पारदर्शिता आएगी और दोषियों को सजा मिलेगी। अब यह देखना होगा कि जांच कितनी जल्दी पूरी होती है और घर खरीदारों को कब तक न्याय मिलता है।