Report By : ICN Network
महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक निर्माण के लिए इतिहासकारों की एक समिति का गठन किया। यह समिति राज्य के पर्यटन मंत्री के नेतृत्व में कार्य करेगी और स्मारक से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों का अध्ययन कर निर्माण प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी।
सरकार द्वारा जारी आदेश (GR) के अनुसार पर्यटन विभाग को इस स्मारक के निर्माण, इसके लिए धन जुटाने और भूमि अधिग्रहण से जुड़े पहलुओं को देखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
हाल ही में छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर सूबे के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस स्मारक की घोषणा की थी. यह स्मारक मराठा सम्राट शिवाजी महाराज और उनके पुत्र संभाजी की साहसिक आगरा से पलायन गाथा को दर्शाएगा, ताकि आने वाली पीढ़ियां इस ऐतिहासिक वीरता से परिचित हो सकें.
सरकारी आदेश में कहा गया है कि पर्यटन मंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति में इतिहासकार और विशेषज्ञ शामिल होंगे और यह स्वतंत्र रूप से कार्य करेगी. सरकार ने कहा कि वह आगरा में उस स्थान का अधिग्रहण करेगी, जहां छत्रपति शिवाजी महाराज को मुगलों द्वारा नजरबंद रखा गया था.
गौरतलब है कि मुगल शासक औरंगजेब ने छलपूर्वक छत्रपति शिवाजी महाराज को आगरा बुलाकर बंदी बना लिया था और उन्हें कड़े पहरे में आगरा किले में कैद कर दिया था। हालांकि, शिवाजी महाराज ने अपनी सूझबूझ और रणनीति से इस कैद से निकलने का मार्ग खोजा। उन्होंने बीमारी का बहाना बनाया और भोजन की टोकरियों का उपयोग करके खुद को किले से बाहर निकालने की योजना बनाई। अपनी इस अद्भुत चतुराई के बल पर वे मुगलों को चकमा देकर आगरा किले से सफलतापूर्वक बच निकले और सुरक्षित रूप से महाराष्ट्र लौट गए।