Report By : Mayank Khanna (ICN Network)
पुलिस का कहना है कि छत्तीसगढ़ में हालिया मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों की संख्या और बढ़ सकती है। रात होने के कारण पुलिस को सर्च ऑपरेशन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले साल दिसंबर में विष्णुदेव साय की भाजपा सरकार के गठन के बाद से राज्य में माओवादियों के खिलाफ एक सघन अभियान चलाया जा रहा है।
राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा ने माओवादियों से शांति वार्ता का प्रस्ताव रखा है, लेकिन इसके साथ ही उनके खिलाफ सफाया अभियान को भी तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। इस साल जनवरी से अब तक छत्तीसगढ़ में 171 कथित माओवादी मारे जा चुके हैं। यह आंकड़ा वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से किसी एक वर्ष में मारे गए माओवादियों की सबसे बड़ी संख्या है।
इस वर्ष 16 अप्रैल को कांकेर जिले के कलपर में सुरक्षाबलों ने 29 संदिग्ध माओवादियों को मुठभेड़ में मारने का दावा किया था, लेकिन हालिया मुठभेड़ ने इस संख्या को पीछे छोड़ दिया है। यह लगातार बढ़ते माओवादियों के खिलाफ सरकारी कार्रवाई के संकेत देता है, जिसमें सुरक्षा बलों द्वारा सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य में सुरक्षा स्थिति में सुधार लाने और माओवादियों के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार की यह पहल महत्वपूर्ण मानी जा रही है