Report By-Ompal Singh Rampur (UP)
यूपी के रामपुर में पश्चिम बंगाल के 42 परिवारों में कई दर्जन बच्चे शिक्षा के अधिकार से वंचित हैं उन्हें शिक्षा नहीं मिल रही है ना उनके माता-पिता उनकी शिक्षा को लेकर गम्भीर हैं, ना ही जिले के अफसर और जनप्रतिनिधि बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए कोई क़दम नहीं उठा रहे हैं । हद यहां तक समाज के लिए काम करने वालीं समाजिक संस्थाएं इन बच्चों से मुँह मोड़े हुई हैं।
रामपुर चीनी मिल के समीप बीते 50 वर्षों से तकरीबन 42 परिवार यहां झुग्गी झोपड़ी में रहते हैं । कूड़ा करकट बेचकर अपनी जीविका चलाते हैं। ज्यादातर लोगों ने यहां के आधार कार्ड भी बनवा लिए हैं वाबजूद उनके बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का कोई काम ना उनके माता पिता कर रहे हैं ना ही अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने कोई संज्ञान लेकर बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाने की कवायत कर रहा है। जिन बच्चों के हाथ में सुबह सुबह कॉपी पेंसिल होना चाहिए क्लासरूम में पढ़ने के लिए क्लासरूम में होना चाहिए वोह बच्चे सुबह सुबह कूड़ा बीनने के लिए घर से निकल जाते हैं। बच्चों की मां और पिता भी कूड़ा बेचकर ही अपनी गुजर बसर करते हैं।
बेसिक शिक्षा अधिकारी के संज्ञान में जब ये मामला इंडिया कोर न्यूज़ ने डाला तब उन्होंने हमको भरोसा दिया है जांच कराई जाएगी क्यों बच्चे शिक्षा से वंचित हैं क्यों उन्हें शिक्षा से दूर रखा जा रहा है क्यों उनके गार्जियन उन्हें स्कूल नहीं भेजते या कोई एडमीशन सम्बन्धी दिक्कत है उसे जानकर बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का काम जल्द ही करेंगे ।
बच्चों के गार्जियन बोले हमने तो पूरी जिंदगी कूड़े में बिता दी है बच्चों को पढ़ने भेजते हैं ये जाते ही नहीं काम पर पैसा कमाने में लगे रहते हैं हम खुद चाहते हैं पढ़े लिखें अच्छा इंसान बने लेकिन पढ़ने में नहीं काम करने में काफी इनकी दिलचस्पी जुड़ी है हम कोशिश करेंगे की कल से स्कूल जाएं पढ़ने ताकि देश के विकास में अपना योगदान दें
समाज के नाम काम करने वाली संस्था के अध्य्क्ष अवतार सिंह ने बताया हम समय समय पर ऐसे लोगों की मदद करते ही रहते हैं इनके खाने पीने ठंड से बचने के लिए जाड़ों में कम्बल आदि देते हैं बच्चों को स्कूल से जोड़ने का काम जल्द ही शुरू करेंगे ताकि बच्चे शिक्षा से वंचित ना हों।