कानपुर डिफेंस कॉरिडोर में अदाणी समूह की 200 हेक्टेयर में बनी डिफेंस इकाई में तोप से लेकर ड्रोन, हथियार और गोला बारूद बनेंगे। यहां शॉर्ट रेंज मिसाइलें भी बनाई जाएंगी। ये एशिया की सबसे बड़ी गोला-बारूद निर्माण इकाई है। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए कानपुर साढ़ स्थित डिफेंस कॉरिडोर में अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस की पहली यूनिट तैयार हो गई है। करीब 1500 करोड़ से तैयार इस स्माल कैलिबर एम्यूनेशन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में मार्च से तोप-गोले और हैंड ग्रेनेड का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
प्लांट की पहली यूनिट में सबसे पहले रायफल लाइट मशीन गन (एलएमजी) एके-47 और कार्बाइन की गोलियां बनेंगी। अगले चरण में आर्टिलरी गन गोला-बारूद तोपें और हैंड ग्रेनेड समेत सेना के लिए अलग-अलग तरह के अस्त्र-शस्त्र व सुविधाओं संबंधित उत्पाद बनेंगे। मेक इन इंडिया के तहत बुलेट प्रूफ जैकेट, ड्रोन, लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर व मिसाइल तक यहां बनेगी। डिफेंस कॉरिडोर में गोलियां बनने के साथ भंडारगृह भी बनाया गया है।