जालंधर, पंजाब निवासी नितिन देव पत्नी के साथ ग्रेटर नोएडा वेस्ट ट्राइडेंट एंबेसी सोसाइटी में रहते हैं। उनकी पत्नी पहले आईसीआईसीआई बैंक सेक्टर-20 पंचकूला में नौकरी करती थीं। इसी दौरान उनकी पत्नी की पहचान अनु शर्मा नामक महिला से हुई थी, जो अक्सर उनके घर आने-जाने लगी। धीरे-धीरे दोस्ती गहरी होने पर अनु शर्मा ने उन्हें विश्वास दिलाया कि वह और उसकी बेटियां लोगों को विदेश, खासकर कनाडा भेजने का काम करती हैं। उसने दावा किया कि उनकी बेटी दृष्टि मोहन कनाडा ब्रैम्पटन ओंटारियो में रहती है और वहीं से सारा वीजा प्रोसेस संभालती है। अनु शर्मा ने पीड़ित दंपती को भरोसे में लेकर कहा कि वह उन्हें वर्क वीजा पर कनाडा भेज सकती है और इसके लिए करीब 15 लाख रुपये लगेंगे। जिसमें वीजा फीस, टिकट, बीमा, रहने का खर्च और अन्य औपचारिकताएं शामिल होंगी। पीड़ित नितिन और उनकी पत्नी उसकी बातों में आ गए और पैसे का इंतजाम शुरू कर दिया। शिकायत पत्र में बताया गया है कि अनु शर्मा और उसकी सहयोगी साक्षी मोहन ने बार-बार पैसों की मांग की। इस पर नितिन देव ने अपने आईसीआईसीआई बैंक खाते से अनु शर्मा के खाते में किस्तों में रकम ट्रांसफर की। 31 जनवरी 2023 से 14 अप्रैल 2023 के बीच करीब 6 लाख 75 हजार रुपये आरोपी के खाते में जमा कराए गए। साथ ही पीड़ित से पासपोर्ट भी ले लिया गया, ताकि वीजा की प्रक्रिया शुरू की जा सके। रकम मिलने के बाद आरोपी टालमटोल करने लगे। जब दंपती ने वीजा फाइल की स्थिति पूछी तो अनु शर्मा ने अपनी बेटी दृष्टि मोहन से कनाडा से फोन पर बात करवाई। दृष्टि ने भी यह कहकर भरोसा दिलाया कि वीजा प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी। मगर कई महीने बीत गए और कोई नतीजा नहीं निकला। जब पीड़ित ने फाइल नंबर और दस्तावेज मांगे तो आरोपी कुछ भी पेश नहीं कर पाए। जब उन्होंने पैसे वापस मांगे तो पहले आरोपी महिलाओं ने किस्तों में लौटाने का आश्वासन दिया लेकिन बाद में साफ इन्कार कर दिया और यहां तक धमकी दी कि उनके पुलिस अधिकारियों और नेताओं से संबंध हैं, वे कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। आरोपियों ने बाद में उनका और उनकी पत्नी का फोन नंबर ब्लॉक कर दिया। अनु शर्मा और साक्षी मोहन अब देश छोड़कर भागने की तैयारी में हैं।
ग्रेटर नोएडा: कनाडा भेजने के नाम पर दंपती से 6.75 लाख की ठगी

जालंधर, पंजाब निवासी नितिन देव पत्नी के साथ ग्रेटर नोएडा वेस्ट ट्राइडेंट एंबेसी सोसाइटी में रहते हैं। उनकी पत्नी पहले आईसीआईसीआई बैंक सेक्टर-20 पंचकूला में नौकरी करती थीं। इसी दौरान उनकी पत्नी की पहचान अनु शर्मा नामक महिला से हुई थी, जो अक्सर उनके घर आने-जाने लगी। धीरे-धीरे दोस्ती गहरी होने पर अनु शर्मा ने उन्हें विश्वास दिलाया कि वह और उसकी बेटियां लोगों को विदेश, खासकर कनाडा भेजने का काम करती हैं। उसने दावा किया कि उनकी बेटी दृष्टि मोहन कनाडा ब्रैम्पटन ओंटारियो में रहती है और वहीं से सारा वीजा प्रोसेस संभालती है। अनु शर्मा ने पीड़ित दंपती को भरोसे में लेकर कहा कि वह उन्हें वर्क वीजा पर कनाडा भेज सकती है और इसके लिए करीब 15 लाख रुपये लगेंगे। जिसमें वीजा फीस, टिकट, बीमा, रहने का खर्च और अन्य औपचारिकताएं शामिल होंगी। पीड़ित नितिन और उनकी पत्नी उसकी बातों में आ गए और पैसे का इंतजाम शुरू कर दिया। शिकायत पत्र में बताया गया है कि अनु शर्मा और उसकी सहयोगी साक्षी मोहन ने बार-बार पैसों की मांग की। इस पर नितिन देव ने अपने आईसीआईसीआई बैंक खाते से अनु शर्मा के खाते में किस्तों में रकम ट्रांसफर की। 31 जनवरी 2023 से 14 अप्रैल 2023 के बीच करीब 6 लाख 75 हजार रुपये आरोपी के खाते में जमा कराए गए। साथ ही पीड़ित से पासपोर्ट भी ले लिया गया, ताकि वीजा की प्रक्रिया शुरू की जा सके। रकम मिलने के बाद आरोपी टालमटोल करने लगे। जब दंपती ने वीजा फाइल की स्थिति पूछी तो अनु शर्मा ने अपनी बेटी दृष्टि मोहन से कनाडा से फोन पर बात करवाई। दृष्टि ने भी यह कहकर भरोसा दिलाया कि वीजा प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी। मगर कई महीने बीत गए और कोई नतीजा नहीं निकला। जब पीड़ित ने फाइल नंबर और दस्तावेज मांगे तो आरोपी कुछ भी पेश नहीं कर पाए। जब उन्होंने पैसे वापस मांगे तो पहले आरोपी महिलाओं ने किस्तों में लौटाने का आश्वासन दिया लेकिन बाद में साफ इन्कार कर दिया और यहां तक धमकी दी कि उनके पुलिस अधिकारियों और नेताओं से संबंध हैं, वे कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। आरोपियों ने बाद में उनका और उनकी पत्नी का फोन नंबर ब्लॉक कर दिया। अनु शर्मा और साक्षी मोहन अब देश छोड़कर भागने की तैयारी में हैं।