कानपुर देहात में शासन के निर्देश पर गठित दो अधिकारियों की टीमों ने औद्योगिक क्षेत्र की फैक्ट्रियों में छापेमारी की। इस दौरान रनियां के रूचि आर्गेनिक और नमस्ते इंडिया फूड्स फैक्ट्रियों में अनुदानित यूरिया और डीएपी की बड़ी मात्रा पाई गई
इन दोनों कंपनियों में अनुदानित उर्वरक पाए जाने के बाद इनको सील कर दिया गया और संबंधित फैक्ट्री प्रबंधन को नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू की गई मुख्य सचिव कृषि के निर्देश पर जिला प्रशासन ने सोमवार को दो संयुक्त टीमों का गठन किया था, जिनका उद्देश्य टेक्निकल ग्रेड यूरिया का उपयोग करने वाली औद्योगिक इकाइयों की आकस्मिक जांच करना था। पहली टीम में जिला कृषि अधिकारी डॉ. उमेश कुमार गुप्ता, उपायुक्त उद्योग मो. साउद, और एसडीएम अकबरपुर एके सिंह शामिल थे। यह टीम रनियां औद्योगिक क्षेत्र में निरीक्षण के लिए भेजी गई थी
दूसरी टीम में जिला कृषि रक्षा अधिकारी राम नरेश, सहायक प्रबंधक उद्योग हिमांशु भट्ट, और तहसीलदार अकबरपुर को जैनपुर क्षेत्र में जांच के लिए भेजा गया। इन टीमों को निर्देशित किया गया था कि नाइट्रोजिनस कंपाउंड, टेक्निकल ग्रेड यूरिया, और फार्मल्डीहाइड यूरिया का उपयोग करने वाली इकाइयों की गहन जांच करें, और यदि अनुदानित उर्वरक का उपयोग गैर-कृषि कार्यों में हुआ, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। पहली टीम ने छापेमारी के दौरान आरती डिस्टिलरी रनियां, कामधेनु कैटिल फीड प्रा.लि., कुशल फूड्स प्रा.लि., और रूचि आर्गेनिक लि. रनियां में निरीक्षण किया। इस दौरान रूचि आर्गेनिक लि. में 12.9 किलोग्राम अनुदानित यूरिया पाया गया, जिसे सील कर लिया गया। वहीं, दूसरी टीम ने जैनपुर क्षेत्र में नेरोलेक फैक्ट्री, प्राइम एवियन फीड, कान्हां डिटर्जेंट और नमस्ते इंडिया फूड्स में छापेमारी की। नमस्ते इंडिया फूड्स में 48 बोरी डीएपी और 30 बोरी यूरिया पाई गई, जिसे भी सील कर लिया गया। जिला कृषि अधिकारी डॉ. उमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि अनुदानित खाद केवल किसानों को रियायती दरों पर कृषि कार्यों के लिए उपलब्ध कराई जाती है, और इसका उपयोग किसी भी औद्योगिक इकाई में नहीं किया जा सकता। इस मामले में पाई गई अनुदानित खाद का प्रयोग गैर-कृषि कार्यों में करने पर कार्रवाई की जा रही है