Report By: ICN Network
मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट और महाराष्ट्र के सबसे चर्चित पुलिस अधिकारियों में से एक, दया नायक आज, 31 जुलाई को अपनी सेवा से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। रिटायरमेंट से ठीक दो दिन पहले उन्हें प्रमोशन देकर सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) बनाया गया। दया नायक की विदाई को मुंबई पुलिस में एक युग के अंत के तौर पर देखा जा रहा है, खासकर अंडरवर्ल्ड के सफाये में अहम भूमिका निभाने वाले अधिकारियों के दौर के रूप में।
1995 में पुलिस सेवा में भर्ती हुए दया नायक ने 1990 के दशक में कई कुख्यात गैंगस्टरों को एनकाउंटर में ढेर किया। दाउद इब्राहिम और छोटा राजन की गैंग से जुड़े अपराधियों पर उनकी कार्रवाई ने उन्हें ‘रियल सिंघम’ की पहचान दिलाई। वह करीब 80 एनकाउंटर कर चुके हैं और महाराष्ट्र ATS का भी हिस्सा रह चुके हैं। 2021 में उन्होंने मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक वाहन और मनसुख हिरेन हत्याकांड की जांच में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी।
2006 में उन पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था, जिसके चलते वह साढ़े छह साल के लिए निलंबित रहे। हालांकि, बाद में उन्हें सेवा में बहाल कर दिया गया। मूल रूप से कर्नाटक के उडुपी जिले से ताल्लुक रखने वाले दया नायक का जन्म एक कोंकणी परिवार में हुआ था।
दया नायक की लोकप्रियता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके जीवन से प्रेरित कई फिल्में बन चुकी हैं। 2004 की चर्चित फिल्म अब तक छप्पन उन्हीं से प्रेरित थी, जिसमें नाना पाटेकर ने लीड रोल निभाया। इसके अलावा गोलीमार, रिस्क, एनकाउंटर दयानायक, आन: मेन एट वर्क और डिपार्टमेंट जैसी फिल्मों में भी उनके जीवन की झलक देखी गई।
प्रमोशन और रिटायरमेंट पर प्रतिक्रिया देते हुए दया नायक ने सोशल मीडिया पर लिखा, “कृतज्ञता और गर्व के साथ बताना चाहता हूं कि मुझे एसीपी के पद पर प्रमोट किया गया है। हालांकि, इस पद पर अधिक समय बिताने की इच्छा थी, लेकिन मैंने अपने राज्य और देश की सेवा पूरी निष्ठा से की – इसका संतोष जीवन भर रहेगा।”
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने पहली बार एसीपी की वर्दी पहनने का अनुभव साझा करते हुए लिखा, “सेवा के आखिरी दिन यह वर्दी पहनना सम्मान की बात है। यह प्रमोशन नहीं, जीवन भर के समर्पण और अनुशासन का प्रतीक है। इस यात्रा के हर पल के लिए आभारी हूं। जय हिंद, जय महाराष्ट्र।”