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DDU Gorakhpur News: ‘SWAYAM’ पोर्टल की पेचीदगियों में फंसे शोधार्थी, प्री-PhD का सफर हुआ लंबा

Report By : ICN Network


दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोधार्थियों के लिए सत्र 2023-24 की प्री-PhD यात्रा उम्मीद से कहीं लंबी हो गई है। विश्वविद्यालय द्वारा शोध के लिए चयनित विद्यार्थी लगभग एक साल बाद भी पूर्ण रूप से शोधार्थी के रूप में पंजीकृत नहीं हो पाए हैं। वजह है ‘SWAYAM’ पोर्टल की प्रक्रिया और उससे जुड़ी व्यवस्थागत अड़चनें।

विश्वविद्यालय के नियमानुसार, शोध पंजीकरण से पहले छह महीने का प्री-PhD कोर्स अनिवार्य होता है। इसमें एक अहम विषय “रिसर्च एथिक्स एंड प्लेगरिज्म” शामिल है, जिसे विश्वविद्यालय ने SWAYAM पोर्टल के माध्यम से कराने का विकल्प दिया था। हालांकि, जब विद्यार्थियों को पता चला कि यह परीक्षा केवल अंग्रेजी में उपलब्ध है और इसके लिए लखनऊ या अन्य बड़े शहरों में परीक्षा देनी होगी, तो बड़ी संख्या में हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों ने परीक्षा में भाग नहीं लिया।

अब छात्र पिछले डेढ़ महीने से विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि परीक्षा हिंदी माध्यम में आयोजित करवाई जाए। बार-बार आश्वासन मिलने के बावजूद, विश्वविद्यालय अभी तक ठोस समाधान नहीं दे सका है। इससे छात्र निराश और परेशान हैं।

वहीं, जिन छात्रों ने अंग्रेजी माध्यम में परीक्षा देकर इसे पूरा कर लिया है, उनका परिणाम भी अब तक जारी नहीं किया गया है। विश्वविद्यालय का कहना है कि सभी विद्यार्थियों का परिणाम एक साथ जारी किया जाएगा, ताकि पंजीकरण प्रक्रिया में कोई पीछे न छूटे। लेकिन इस विलंब ने सभी शोधार्थियों की राह रोक दी है।

प्रभावित छात्रों का कहना है कि इस प्रक्रिया की धीमी गति और भाषा संबंधी अवरोध ने उनके शोध की शुरुआत को अनिश्चित बना दिया है। अब वे विश्वविद्यालय के आश्वासन से थक चुके हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही कोई स्पष्ट दिशा निर्देश मिलेगा।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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