लालकिला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने एनसीआर में सक्रिय इस्लामिक कट्टरपंथी संगठनों की जांच तेज कर दी है। इस जांच की आंच अब कश्मीरी मूल की कई सिक्यॉरिटी एजेंसियों तक पहुंच गई है। आयकर विभाग इन एजेंसियों और इनके कर्मचारियों की गहन जांच कर रहा है।
एजेंसियों को ऐसे कई युवकों के बारे में ठोस जानकारी मिली है, जो इन कंपनियों में नौकरी करते हुए बड़ी मात्रा में नकदी निकालते थे और कथित तौर पर कट्टरपंथी संगठनों तक धन पहुंचाते थे। इसी कारण इन युवकों की पृष्ठभूमि और पहचान की दोबारा गहराई से छानबीन की जा रही है।
आयकर विभाग की पिछली रिपोर्ट में पहले ही यह सामने आ चुका था कि कुछ मीट कंपनियों ने कश्मीर मूल की सिक्यॉरिटी एजेंसियों को हायर किया था। इन कंपनियों—खासकर पश्चिमी यूपी की रहबर फूड, रुस्तम फूड और मारिया फ्रोजन—पर छापेमारी के दौरान करीब 1200 करोड़ रुपये बैंक खातों से निकाले जाने का पता चला था।
जांच में यह भी सामने आया कि जिन सिक्यॉरिटी एजेंसियों को काम दिया गया था, उनमें कई पुंछ और राजौरी की थीं, लेकिन उन्होंने अपने पते बरेली, मेरठ, नोएडा, मुंबई, दिल्ली और आगरा के बताए थे। वर्तमान जांच में यह भी सामने आया है कि इनमें से कई पते फर्जी थे। दिल्ली धमाके के बाद आयकर विभाग की यही पुरानी रिपोर्ट फिर सक्रिय जांच का आधार बन गई है।
रिपोर्ट में साफ कहा गया था कि संवेदनशील क्षेत्र (कश्मीर) के युवाओं का यूपी की मीट कंपनियों में रोजगार और बड़े पैमाने पर नकदी निकालकर उसे कट्टरपंथी संगठनों तक पहुंचाना गंभीर संदेह पैदा करता है। यह भी संभावना जताई गई थी कि पूरा मामला देश विरोधी गतिविधियों से जुड़ा हो सकता है।