• Mon. Jul 21st, 2025

दिल्ली हाई कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: द्रौपदी का उदाहरण देकर व्यभिचार मामले में आरोपी को बरी किया

Report By : ICN Network

दिल्ली हाई कोर्ट ने एक व्यभिचार मामले में आरोपी को बरी करते हुए महाभारत में द्रौपदी की कहानी का उदाहरण दिया। कोर्ट ने कहा कि महिलाओं को संपत्ति मानने की मानसिकता और इसके विनाशकारी परिणामों का उदाहरण महाभारत में देखा जा सकता है, जब द्रौपदी को उसके पति युधिष्ठिर ने जुए में दांव पर लगाया था। कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि समाज की पुरुषवादी मानसिकता में बदलाव तब आया जब सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 497 (व्यभिचार) को असंवैधानिक घोषित किया था।

यह मामला 2010 में दायर किया गया था, जिसमें पति ने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी का एक अन्य व्यक्ति के साथ व्यभिचार है। पति का कहना था कि पत्नी और आरोपी व्यक्ति एक होटल में रात भर एक ही कमरे में रुके थे, जिससे उसने व्यभिचार का आरोप लगाया। हाई कोर्ट ने कहा कि केवल एक ही कमरे में रात भर रहने से यह साबित नहीं होता कि दोनों ने यौन संबंध बनाए थे। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि धारा 497 के जरूरी तत्व इस मामले में नहीं पाए गए, इसलिए आरोपी के खिलाफ व्यभिचार का मामला खारिज कर दिया गया।

इस फैसले से यह संदेश गया कि कानून और समाज दोनों को महिलाओं के अधिकारों और गरिमा का सम्मान करना चाहिए।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *