Report By : ICN Network
दिल्ली-एनसीआर में फ्लैट खरीदारों को अपने सपनों का घर पाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। रेरा (RERA) लागू होने के लगभग 9 साल बाद भी, लोग अपनी शिकायतों को लेकर परेशान हैं। कई सालों बाद भी, कुछ फ्लैट्स अधूरे पड़े हैं और निर्माण कार्य की गति बहुत धीमी है, जिससे डेडलाइन भी पूरी नहीं हो पा रही है।
रेरा लागू होने से पहले बिल्डरों की मनमानी के कारण खरीदारों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। रेरा ने बिल्डरों को समय सीमा, गुणवत्ता और पारदर्शिता के लिए बाध्य किया, लेकिन फिर भी कई परियोजनाओं में काम अधूरा पड़ा हुआ है। खरीदारों का कहना है कि रेरा के बावजूद बिल्डर अपनी जिम्मेदारियों से बचने में सफल हो रहे हैं, जिससे रेरा पर उनका विश्वास कम हो गया है।
ऐसी स्थिति में खरीदारों को रेरा के पास अपनी शिकायतें दर्ज करनी चाहिए। रेरा ने उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कई उपाय किए हैं, लेकिन इन उपायों को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए खरीदारों का सहयोग भी आवश्यक है।