प्रयागराज से लौट रहे श्रद्धालु रास्ते में जाम और ट्रेनों की भीड़ से परेशान। जिला प्रशासन ने बैरिकेड हटाने और डायवर्जन स्कीम में बदलाव के दिए निर्देश महाकुंभ के मौनी अमावस्या स्नान के बाद श्रद्धालुओं को घर लौटने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा। विभिन्न स्थानों पर बैरिकेड्स लगाए जाने और जाम की वजह से श्रद्धालुओं का आवागमन रुक गया था, जिससे उन्हें पैदल यात्रा करनी पड़ी और काफी समय तक जाम खुलने का इंतजार करना पड़ा गुवाहाटी से आए अनूप वर्मा और उनके साथी 15-20 किलोमीटर दूर सहंसों में अपनी कार पार्क कर पाए थे, लेकिन फिर बैरिकेड्स और जाम के कारण उन्हें पैदल ही सहंसों तक पहुंचना पड़ा। इस दौरान उनके साथ चल रहे एक बुजुर्ग व्यक्ति की तबियत भी खराब हो गई। वे किसी तरह सहंसों पहुंचे और फिर लंबे इंतजार के बाद राजमार्ग पर अपनी कार लेकर निकल सके इसी तरह, प्रयागराज महाकुंभ से लौट रहे लाखों श्रद्धालु अब भी वाराणसी कैन्ट और बनारस स्टेशन पर फंसे हुए हैं। कई श्रद्धालुओं ने बताया कि अत्यधिक भीड़ के कारण वे अपनी ट्रेन नहीं पकड़ पाए और अब वे भीड़ कम होने का इंतजार कर रहे हैं। कुछ ट्रेनों के निरस्त होने की वजह से भी यात्री स्टेशन पर फंसे हैं और अन्य परिवहन के साधन का इंतजार कर रहे हैं असम के सोनिकपुर निवासी बॉबी माया लिम्बु ने बताया कि उनका समूह महाकुंभ में स्नान के बाद अयोध्या और फिर वाराणसी पहुंचा था। 30 जनवरी को उनकी ट्रेन थी, लेकिन भीड़ की वजह से वे ट्रेन नहीं पकड़ पाए। गया जिले से आए दीनानाथ ने भी बताया कि वे अपनी पत्नी और बच्चों के साथ दो दिन से बनारस में फंसे हुए हैं। गुरुवार को भी उन्होंने ट्रेन पकड़ने की कोशिश की, लेकिन भीड़ के कारण वे ट्रेन से उतर गए और अब रैन बसेरे में रह रहे हैं प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार मांदड़ ने गुरुवार को कहा कि 30 जनवरी को सभी श्रद्धालु वापस लौटने लगे थे, और पुलिस ने डायवर्जन स्कीम को हटाने के आदेश दिए हैं। 31 जनवरी, 1 फरवरी और 4 फरवरी को वाहनों के प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। हालांकि, 2 और 3 फरवरी को बसंत पंचमी स्नान के लिए डायवर्जन स्कीम लागू रहेगी। पुलिस और मेलाधिकारी द्वारा वाहन प्रवेश की प्रक्रिया के बारे में अलग से जानकारी दी जाएगी महाकुंभ में श्रद्धालुओं के आना-जाना, विशेष रूप से स्नान के दिन, समस्याओं का कारण बना, लेकिन प्रशासन ने जल्द ही कदम उठाए
महाकुंभ में स्नान के बाद घर लौटते श्रद्धालु फंसे, जाम और बैरिकेड्स ने बढ़ाई मुश्किलें

प्रयागराज से लौट रहे श्रद्धालु रास्ते में जाम और ट्रेनों की भीड़ से परेशान। जिला प्रशासन ने बैरिकेड हटाने और डायवर्जन स्कीम में बदलाव के दिए निर्देश महाकुंभ के मौनी अमावस्या स्नान के बाद श्रद्धालुओं को घर लौटने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा। विभिन्न स्थानों पर बैरिकेड्स लगाए जाने और जाम की वजह से श्रद्धालुओं का आवागमन रुक गया था, जिससे उन्हें पैदल यात्रा करनी पड़ी और काफी समय तक जाम खुलने का इंतजार करना पड़ा गुवाहाटी से आए अनूप वर्मा और उनके साथी 15-20 किलोमीटर दूर सहंसों में अपनी कार पार्क कर पाए थे, लेकिन फिर बैरिकेड्स और जाम के कारण उन्हें पैदल ही सहंसों तक पहुंचना पड़ा। इस दौरान उनके साथ चल रहे एक बुजुर्ग व्यक्ति की तबियत भी खराब हो गई। वे किसी तरह सहंसों पहुंचे और फिर लंबे इंतजार के बाद राजमार्ग पर अपनी कार लेकर निकल सके इसी तरह, प्रयागराज महाकुंभ से लौट रहे लाखों श्रद्धालु अब भी वाराणसी कैन्ट और बनारस स्टेशन पर फंसे हुए हैं। कई श्रद्धालुओं ने बताया कि अत्यधिक भीड़ के कारण वे अपनी ट्रेन नहीं पकड़ पाए और अब वे भीड़ कम होने का इंतजार कर रहे हैं। कुछ ट्रेनों के निरस्त होने की वजह से भी यात्री स्टेशन पर फंसे हैं और अन्य परिवहन के साधन का इंतजार कर रहे हैं असम के सोनिकपुर निवासी बॉबी माया लिम्बु ने बताया कि उनका समूह महाकुंभ में स्नान के बाद अयोध्या और फिर वाराणसी पहुंचा था। 30 जनवरी को उनकी ट्रेन थी, लेकिन भीड़ की वजह से वे ट्रेन नहीं पकड़ पाए। गया जिले से आए दीनानाथ ने भी बताया कि वे अपनी पत्नी और बच्चों के साथ दो दिन से बनारस में फंसे हुए हैं। गुरुवार को भी उन्होंने ट्रेन पकड़ने की कोशिश की, लेकिन भीड़ के कारण वे ट्रेन से उतर गए और अब रैन बसेरे में रह रहे हैं प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार मांदड़ ने गुरुवार को कहा कि 30 जनवरी को सभी श्रद्धालु वापस लौटने लगे थे, और पुलिस ने डायवर्जन स्कीम को हटाने के आदेश दिए हैं। 31 जनवरी, 1 फरवरी और 4 फरवरी को वाहनों के प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। हालांकि, 2 और 3 फरवरी को बसंत पंचमी स्नान के लिए डायवर्जन स्कीम लागू रहेगी। पुलिस और मेलाधिकारी द्वारा वाहन प्रवेश की प्रक्रिया के बारे में अलग से जानकारी दी जाएगी महाकुंभ में श्रद्धालुओं के आना-जाना, विशेष रूप से स्नान के दिन, समस्याओं का कारण बना, लेकिन प्रशासन ने जल्द ही कदम उठाए