Report By : ICN Network
उत्तराखंड में खनन को लेकर उठे राजनीतिक विवाद को अब विराम मिलता नजर आ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा लोकसभा में खनन से जुड़ा मुद्दा उठाने के बाद सरकार और पार्टी के भीतर हलचल मच गई थी। हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सूझबूझ से स्थिति को संभालते हुए सरकार और संगठन दोनों में संतुलन कायम किया है।
धामी सरकार ने हाल ही में विभिन्न आयोगों, समितियों और परिषदों में 38 पार्टी नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी हैं। इस दायित्व वितरण को पार्टी में संतुलन बनाने की एक बड़ी रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। इससे न केवल कार्यकर्ताओं को पहचान मिली है, बल्कि पार्टी के भीतर असंतोष भी कम हुआ है।
खनन से जुड़े मुद्दे पर सरकार की ओर से पारदर्शिता और राजस्व वृद्धि से जुड़े आंकड़े पेश किए गए, जिससे पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा उठाई गई शंकाओं का भी जवाब मिल गया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्य सरकार को तीन साल पूरे होने पर भेजे गए पत्र ने राजनीतिक माहौल को पूरी तरह से सकारात्मक बना दिया।
प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व की सराहना की और सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे, पर्यटन और परिवहन जैसे क्षेत्रों में किए गए कार्यों को उल्लेखनीय बताया। उन्होंने यह भी लिखा कि उत्तराखंड आज़ादी के अमृत काल में विकसित भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभा रहा है।
धामी सरकार की यह रणनीति स्पष्ट करती है कि वह संगठनात्मक मजबूती के साथ-साथ सुशासन और पारदर्शिता पर भी पूरा ध्यान दे रही है।