38वें नेशनल गेम्स के पहले दिन कर्नाटक के लिए शानदार प्रदर्शन देखने को मिला, जिसमें 14 साल की तैराक देसिंघु ने स्विमिंग में कमाल का प्रदर्शन किया। इस युवा तैराक ने अपनी अद्वितीय मेहनत और कड़ी मेहनत से स्विमिंग इवेंट्स में तीन गोल्ड मेडल जीतकर सबको चौंका दिया। देसिंघु ने अपनी ताकत और कुशलता से कर्नाटक को गर्व महसूस कराया और स्विमिंग में अपनी प्रमुखता स्थापित की। उनके प्रदर्शन ने ना केवल उनके राज्य का नाम रोशन किया, बल्कि पूरे देश में एक प्रेरणा का स्रोत भी बना देसिंघु का यह प्रदर्शन नेशनल गेम्स के पहले दिन का आकर्षण बना, और उन्होंने अपनी असाधारण क्षमता का प्रदर्शन करते हुए स्विमिंग इवेंट्स में तीन गोल्ड मेडल झटके। उनकी तैराकी तकनीक और गति ने उनके प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ दिया, जिससे यह दिन उनके नाम हो गया। इस जीत ने उनकी मेहनत और समर्पण को सिद्ध किया, जो किसी भी खिलाड़ी के लिए सफलता की कुंजी होती है 38वें नेशनल गेम्स में कर्नाटक का दबदबा साफ देखा गया, और देसिंघु की तैराकी में यह सफलता राज्य के खेल विभाग के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। यह जीत न केवल देसिंघु के लिए बल्कि उनके कोच और परिवार के लिए भी गर्व का क्षण है, जिन्होंने उनकी सफलता के लिए निरंतर समर्थन और मार्गदर्शन प्रदान किया अब, देसिंघु ने अपनी युवा उम्र में यह साबित कर दिया कि खेल में जुनून और मेहनत के साथ सफलता पाई जा सकती है, और उनका यह इतिहास रचने वाला प्रदर्शन आने वाली पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा बन गया है
Dhinidhi Desinghu, National Games 2025:14 साल की लड़की ने नेशनल गेम्स 2025 में स्विमिंग में 3 गोल्ड जीते

38वें नेशनल गेम्स के पहले दिन कर्नाटक के लिए शानदार प्रदर्शन देखने को मिला, जिसमें 14 साल की तैराक देसिंघु ने स्विमिंग में कमाल का प्रदर्शन किया। इस युवा तैराक ने अपनी अद्वितीय मेहनत और कड़ी मेहनत से स्विमिंग इवेंट्स में तीन गोल्ड मेडल जीतकर सबको चौंका दिया। देसिंघु ने अपनी ताकत और कुशलता से कर्नाटक को गर्व महसूस कराया और स्विमिंग में अपनी प्रमुखता स्थापित की। उनके प्रदर्शन ने ना केवल उनके राज्य का नाम रोशन किया, बल्कि पूरे देश में एक प्रेरणा का स्रोत भी बना देसिंघु का यह प्रदर्शन नेशनल गेम्स के पहले दिन का आकर्षण बना, और उन्होंने अपनी असाधारण क्षमता का प्रदर्शन करते हुए स्विमिंग इवेंट्स में तीन गोल्ड मेडल झटके। उनकी तैराकी तकनीक और गति ने उनके प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ दिया, जिससे यह दिन उनके नाम हो गया। इस जीत ने उनकी मेहनत और समर्पण को सिद्ध किया, जो किसी भी खिलाड़ी के लिए सफलता की कुंजी होती है 38वें नेशनल गेम्स में कर्नाटक का दबदबा साफ देखा गया, और देसिंघु की तैराकी में यह सफलता राज्य के खेल विभाग के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। यह जीत न केवल देसिंघु के लिए बल्कि उनके कोच और परिवार के लिए भी गर्व का क्षण है, जिन्होंने उनकी सफलता के लिए निरंतर समर्थन और मार्गदर्शन प्रदान किया अब, देसिंघु ने अपनी युवा उम्र में यह साबित कर दिया कि खेल में जुनून और मेहनत के साथ सफलता पाई जा सकती है, और उनका यह इतिहास रचने वाला प्रदर्शन आने वाली पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा बन गया है