बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्णा शास्त्री ने भी ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर की पदवी दिए जाने पर नाराजगी जाहिर की है पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी, जो अपने अभिनय और सुंदरता के लिए जानी जाती थीं, ने अब सन्यासी जीवन अपनाया है। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान, ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर (Mamata Kulkarni Become Mahamandaleshwar) बनाया गया है, जो इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। इस पदवी को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, और बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्णा शास्त्री ने भी इस पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने इस पर अपनी असहमति जताते हुए कहा कि किसी बाहरी प्रभाव में आकर किसी को संत या महामंडलेश्वर का पद कैसे दिया जा सकता है धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “पदवी उसी को दी जानी चाहिए, जिसके अंदर संत या साध्वी का भाव हो।” उन्होंने यह भी व्यंग्य करते हुए कहा कि, “हम खुद अभी तक महामंडलेश्वर नहीं बन पाए।” शास्त्री के इन बयान से साफ जाहिर होता है कि उन्हें ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर आपत्ति है और वे मानते हैं कि यह पद किसी ऐसे व्यक्ति को ही मिलना चाहिए जो पूरी तरह से साधना और तप में रत हो ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने की खबर 23 जनवरी को आई, जब वे रात करीब 11 बजे महाकुंभ पहुंची और किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से मुलाकात की। दोनों के बीच लंबी बातचीत के बाद 24 जनवरी को ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने पर सहमति बन गई। इसके बाद ममता कुलकर्णी ने संगम में डुबकी लगाई और अपना पिंडदान किया। फिर किन्नर अखाड़े में पट्टाभिषेक होने के बाद वे महामंडलेश्वर घोषित हो गईं इस घटनाक्रम ने महाकुंभ में चल रहे धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों के बीच एक नया मोड़ लिया है। अब ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं, खासकर उन लोगों के बीच जो इस पदवी को विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक साधना से जोड़ते हैं
ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने पर धीरेंद्र शास्त्री ने जताई नाराजगी
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बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्णा शास्त्री ने भी ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर की पदवी दिए जाने पर नाराजगी जाहिर की है पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी, जो अपने अभिनय और सुंदरता के लिए जानी जाती थीं, ने अब सन्यासी जीवन अपनाया है। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान, ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर (Mamata Kulkarni Become Mahamandaleshwar) बनाया गया है, जो इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। इस पदवी को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, और बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्णा शास्त्री ने भी इस पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने इस पर अपनी असहमति जताते हुए कहा कि किसी बाहरी प्रभाव में आकर किसी को संत या महामंडलेश्वर का पद कैसे दिया जा सकता है धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “पदवी उसी को दी जानी चाहिए, जिसके अंदर संत या साध्वी का भाव हो।” उन्होंने यह भी व्यंग्य करते हुए कहा कि, “हम खुद अभी तक महामंडलेश्वर नहीं बन पाए।” शास्त्री के इन बयान से साफ जाहिर होता है कि उन्हें ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर आपत्ति है और वे मानते हैं कि यह पद किसी ऐसे व्यक्ति को ही मिलना चाहिए जो पूरी तरह से साधना और तप में रत हो ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने की खबर 23 जनवरी को आई, जब वे रात करीब 11 बजे महाकुंभ पहुंची और किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से मुलाकात की। दोनों के बीच लंबी बातचीत के बाद 24 जनवरी को ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने पर सहमति बन गई। इसके बाद ममता कुलकर्णी ने संगम में डुबकी लगाई और अपना पिंडदान किया। फिर किन्नर अखाड़े में पट्टाभिषेक होने के बाद वे महामंडलेश्वर घोषित हो गईं इस घटनाक्रम ने महाकुंभ में चल रहे धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों के बीच एक नया मोड़ लिया है। अब ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं, खासकर उन लोगों के बीच जो इस पदवी को विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक साधना से जोड़ते हैं