दक्षिण दिल्ली के हौजखास इलाके में साइबर ठगों ने पूर्व बैंक अधिकारी से 23 करोड़ रुपये ठग लिए। आरोपियों ने पहले पुलिस अधिकारी, बाद में प्रवर्तन निदेशालय व सीबीआई अधिकारी बनकर बुजुर्ग को मादक पदार्थ की तस्करी में लिप्त बताकर डरा दिया। बुजुर्ग की शिकायत पर इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) टीम ने साइबर ठगों के बैंक खातों में ठगी के 12.11 करोड़ रुपये फ्रीज करवा दिए।
पुलिस के मुताबिक पीड़ित नरेश मल्होत्रा (73) परिवार के साथ हौजखास इलाके में रहते हैं। वह सरकारी बैंक से रिटायर हैं। पीड़ित ने बताया कि चार अगस्त को उनके पास एक शख्स का कॉल आया। कॉलर ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताकर कहा कि वह ड्रग्स की तस्करी में शामिल हैं। उनके नाम से विदेश भेजा गया पार्सल पकड़ा गया है, जिसमे ड्रग्स मिले हैं। आरोपियों ने पीड़ित को गिरफ्तारी का डर दिखाकर उनके फ्लैट में कैद कर लिया। बदमाशों का कहना था कि जब तक वह नहीं कहेंगे तक वह न तो बाहर जाएंगे और न किसी को कॉल करेंगे। इसके बाद आरोपियों ने डराकर पीड़ित के खाते से रकम ट्रांसफर करवानी शुरू कर दी।
पीड़ित इतनी बुरी तरह डरे हुए थे कि वह ठगों के अनुसार बताए हुए बैंक खातों में रुपये ट्रांसफर करते रहे। आरोपियों ने पीड़ित के तीन बैंक खातों को खाली करवा दिया। यह सिलसिला चार सितंबर तक चला। डर के कारण पीड़ित ने किसी को भी कुछ नहीं बताया। बाद में ठगे जाने का अहसास होने पर शुक्रवार को उन्होंने एनसीआरपी के पोर्टल पर ऑन लाइन शिकायत की। बाद में आईएफएसओ ने मामला दर्ज कर आधी से ज्यादा रकम फ्रीज करवा दी है। अब पुलिस बाकी रकम भी बरामद करने का प्रयास कर रही है।
जालसाजों ने बुजुर्ग दंपती को डिजिटल अरेस्टकर 6.22 लाख कराए ट्रांसफरद्वारका इलाके में बैंक खाते में गलत तरीके से करोड़ों रुपये की लेन-देन होने की बात कहकर एक बुजुर्ग दंपती से 6.22 लाख रुपये ठग लिए गए। खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर जालसाजों ने बुजुर्ग दंपती को वीडियो कॉल करके डराकर अपने खाते में रकम ट्रांसफर करा ली। बुजुर्ग दंपती की शिकायत पर साइबर सेल ने मामला दर्ज कर लिया है और तकनीकी जांच कर आरोपियों की पहचान करने में जुटी है।