National Census 2027: यह पहली ‘डिजिटल जनगणना’ होगी, जिसमें जातिगत आंकड़े भी इलेक्ट्रॉनिक रूप से इकट्टा किए जाएंगे. गृह मंत्रालय ने जनगणना के लिए 14,618 करोड़ रुपये का बजट मांगा है
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2027 की जनगणना के लिए 14,618 करोड़ रुपये का बजट मांगा है. यह पहली ‘डिजिटल जनगणना’ होगी, जिसमें जातिगत आंकड़े भी इलेक्ट्रॉनिक रूप से इकट्टा किए जाएंगे. मांगी गई राशि जनगणना के दोनों चरणों के लिए है. पहला चरण हाउसलिस्टिंग का है, जो अप्रैल से सितंबर 2026 तक पूरा चलेगा और दूसरा चरण जनसंख्या गणना का है. जो पूरे देश में फरवरी 2027 से शुरू होने वाला है.
इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा कि इस महीने की शुरुआत में, केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) के अंतर्गत आने वाले भारत के महापंजीयक (RGI) ने व्यय वित्त समिति (EFC) की मंजूरी के लिए एक नोट जारी किया था. बताते चलें कि EFC, वित्त मंत्रालय के अधीन एक केंद्रीय निकाय है जो सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं का मूल्यांकन करता है. EFC से मंजूरी मिलने के बाद, गृह मंत्रालय केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए एक प्रस्ताव पेश करेगा.