जिलाधिकारी कहा कि नशा मुक्ति केंद्रों के प्रभावी निरीक्षण के लिए अधिकारी टीमें गठित की जाये, जो समय-समय पर नशा मुक्ति केंद्रों का निरीक्षण करेंगी और उनके संचालन की गुणवत्ता तथा मानकों के अनुरूपता सुनिश्चित करेंगी। इसके साथ ही नशे के विरुद्ध जन-जागरूकता अभियानों को और व्यापक एवं प्रभावी बनाने के लिए मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालय, शिक्षण संस्थान, आरडब्ल्यूए और स्वयंसेवी संगठनों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए, ताकि यह अभियान हर क्षेत्र में चलाया जा सके। जिलाधिकारी ने शिक्षण संस्थानों, छात्रावासों और पीजी आवासों में औचक निरीक्षण कराने, “नशा मुक्त परिसर” का शपथ पत्र लेने और उत्कृष्ट कार्य करने वाले संस्थानों को प्रशासन द्वारा सम्मानित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने यह भी कहा कि अभियान को मीडिया और सोशल प्लेटफॉर्म के माध्यम से व्यापक रूप से प्रचारित किया जाए ताकि समाज में जागरूकता बढ़े और लोग सतर्क रहें।
जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार ने बैठक में बताया कि शासन के निर्देशों के अनुसार 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर 2025 तक विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया जाएगा, जिसमें अवैध शराब के निर्माण, बिक्री, तस्करी और परिवहन पर अंकुश लगाया जाएगा। इसके लिए उप जिलाधिकारी और आबकारी निरीक्षकों की संयुक्त टीमें गठित की गई हैं, जो विभिन्न थाना क्षेत्रों में कार्रवाई करेंगी।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि अवैध शराब के कारोबार में संलिप्त माफियाओं और तस्करों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। सीमावर्ती क्षेत्रों, राष्ट्रीय एवं राज्य मार्गों, ढाबों, पुराने कारखानों, बंद फैक्ट्रियों, आरओ प्लांट, नदी तटों और संदिग्ध अड्डों पर औचक छापेमारी की जाए। दुकानों के बारकोड और क्यूआर कोड की जांच, ओवररेट बिक्री की रोकथाम के लिए रैंडम टेस्ट परचेज, सीसीटीवी कैमरों की सतत निगरानी तथा संदिग्ध दुकानों से नमूने लेकर प्रयोगशाला में जांच जैसी कार्यवाही की जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि अवैध शराब के सेवन से होने वाले घातक प्रभावों, विशेषकर मिथाइल अल्कोहल के कारण अंधापन और मृत्यु के जोखिम के बारे में पोस्टर, हैंडबिल, समाचार पत्र और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। आमजन को अवैध शराब की सूचना गोपनीय रूप से देने के लिए टोल फ्री नंबर 14405 और व्हाट्सएप नंबर 9454466019 का प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि अवैध शराब और नशा मुक्ति दोनों ही प्रशासन की शीर्ष प्राथमिकताओं में हैं। इसलिए सभी विभाग मिलकर, समन्वित और योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें, ताकि जनपद को नार्कोटिक्स एवं अवैध अल्कोहल फ्री जिला बनाया जा सके। .