डीआरआई की सूचना के मुताबिक 21 से 23 अक्टूबर के बीच दिल्ली, गुरुग्राम और ग्रेटर नोएडा में एक साथ कार्रवाई की गई। डीआरआई को खुफिया सूचना मिली थी कि एनसीआर क्षेत्र में विदेशी नागरिकों का एक गिरोह मेथामफेटामाइन और अन्य सिंथेटिक ड्रग्स का निर्माण कर उन्हें विदेशों में सप्लाई कर रहा है। सूचना के आधार पर डीआरआई की टीम ने ग्रेटर नोएडा के ओमिक्रॉन-1 स्थित बहुमंजिला इमारतों से दूर एक सुनसान खेत में बने गुप्त ठिकाने पर छानबीन की। यहां से 11.40 किलोग्राम एम्फेटामाइन और 110.923 किलोग्राम रासायनिक पदार्थ बरामद किए गए। जिनका उपयोग मेथ बनाने में किया जा रहा था। यहां से ड्रग्स बनाने में उपयोग हो रहे सामान को जब्त कर लिया गया। टीम ने मौके से जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर गिरोह के मुख्य सरगना को गुरुग्राम स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया। तलाशी में उसके कब्जे से 1.33 किलोग्राम एम्फेटामाइन और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए। दिल्ली के भीड़भाड़ वाले इलाके में दूसरी कार्रवाई
डीआरआई अधिकारियों ने बताया कि गुरुग्राम में गिरफ्तारी के बाद पश्चिमी दिल्ली में एक अन्य ठिकाने की पहचान की। यहां भी नशीले पदार्थों का भंडारण और वितरण किया जा रहा था। संकरी गलियों और घनी आबादी वाले क्षेत्र में अभियान चलाना टीम के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुआ। जब टीम ने परिसर में प्रवेश किया, तो बड़ी संख्या में असामाजिक तत्वों ने विरोध करने और साक्ष्य नष्ट करने की कोशिश की। इसके बावजूद डीआरआई ने दिल्ली पुलिस के सहयोग से शांत और रणनीतिक तरीके से क्षेत्र की घेराबंदी कर तलाशी अभियान को अंजाम दिया। तलाशी के दौरान वहां से 7.79 किलोग्राम कोकीन, 1.87 किलोग्राम हेरोइन, 3.54 किलोग्राम एम्फेटामाइन, 2 किलोग्राम गांजा, 0.15 किलोग्राम मेथाक्वालोन और 4.50 किलोग्राम रासायनिक पदार्थ बरामद हुए। इसके अलावा टीम को परिसर से 37 लाख रुपये नकद भी मिले। जिनके बारे में संदेह है कि यह रकम ड्रग तस्करी से अर्जित की गई थी। तीन दिन में उजागर हुआ अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क
तीन दिन तक चले इस अभियान के दौरान डीआरआई ने अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी करते हुए कुल 16.27 किलोग्राम एम्फेटामाइन, 7.9 किलोग्राम कोकीन, 1.8 किलोग्राम हेरोइन, 2.13 किलोग्राम गांजा और 115.42 किलोग्राम रासायनिक पदार्थ जब्त किए। इन सभी नशीले पदार्थों की अंतरराष्ट्रीय अवैध बाजार में अनुमानित कीमत 108.81 करोड़ रुपये आंकी गई है। अधिकारियों के मुताबिक गिरफ्तार किए गए 26 विदेशी नागरिकों में अधिकांश अफ्रीकी मूल के हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह लोग भारत में किराए के घरों और फार्म हाउसों में ड्रग निर्माण और पैकिंग का काम करते थे। जबकि नेटवर्क के अन्य सदस्य वितरण और अंतरराष्ट्रीय ट्रांसपोर्टेशन में शामिल थे। डीआरआई की प्रतिबद्धता और आगे की जांच
डीआरआई के अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में चलाया गया। कई बार स्थानीय तत्वों ने बाधा डालने की कोशिश की, लेकिन एजेंसी ने संयम और सटीक रणनीति से सभी ऑपरेशनों को सफलतापूर्वक पूरा किया। मामले की जांच अभी जारी है। डीआरआई अब गिरफ्तार विदेशी नागरिकों से पूछताछ कर उनके अंतरराष्ट्रीय संपर्कों, सप्लाई चैनल और धन के स्रोतों की पड़ताल कर रही है।

