Report By : ICN Network
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने गढ़ ठाणे में चुनाव से पहले बड़ा राजनीतिक कदम उठाया है। नगर विकास विभाग (UDD) ने ठाणे महानगरपालिका क्षेत्र में अवैध निर्माणों पर लगाए गए 799 करोड़ रुपये के दंड को माफ करने का निर्णय लिया है। यह फायदा करीब 1.54 लाख अवैध निर्माणों के मालिकों को मिलेगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला स्थानीय निकाय चुनावों से पहले वोटरों को साधने की रणनीति है। शिंदे न सिर्फ ठाणे जिले के पालक मंत्री हैं, बल्कि नगर विकास मंत्रालय भी उन्हीं के पास है।
गौरतलब है कि ठाणे मनपा क्षेत्र में यह दंड 2009 से बकाया था। पहले, राज्य सरकार ने पुणे जिले की पिंपरी-चिंचवड़ मनपा की तर्ज पर इस माफी को मंजूरी दी थी। नए सरकारी आदेश के अनुसार, 31 मार्च 2025 तक लगाए गए दंड को माफ किया जाएगा, बशर्ते संपत्ति मालिक मूल कर का भुगतान करें।
हालांकि, माफी का मतलब यह नहीं है कि अवैध निर्माण नियमित माने जाएंगे। आदेश में यह भी साफ किया गया है कि इस दंड माफी के बदले मनपा को राज्य सरकार से कोई वित्तीय सहायता या मुआवजा नहीं मिलेगा।
इस कदम की आलोचना करते हुए शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि मनपा का खजाना पहले से खाली है और यह माफी केवल कुछ चुनिंदा लोगों के लाभ के लिए है, आम जनता को इससे कोई फायदा नहीं होगा।
यह फैसला ऐसे समय आया है जब बॉम्बे हाईकोर्ट ठाणे और मुंबई में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माणों के मामलों की सुनवाई कर रहा है। अधिकारियों के अनुसार, दंड माफी से कम से कम मूल जुर्माना राशि (लगभग 145 करोड़ रुपये) वसूलने की संभावना बढ़ेगी, क्योंकि अब तक संपत्ति मालिक जुर्माना देने से बचते आ रहे थे।