Report By : ICN Network
मुख्य न्यायाधीश ने पूर्व CJI चंद्रचूड़ के बेटे अभिनव चंद्रचूड़ की दलीलें सुनने के बावजूद उनकी याचिका को ठुकराते हुए फौरी राहत देने से इनकार कर दिया।
देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस संजीव खन्ना ने शुक्रवार (14 फरवरी) को पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ के बेटे और अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ की तत्काल सुनवाई की मांग को ठुकरा दिया। अभिनव चंद्रचूड़ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर रणवीर इलाहाबादिया के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे और अलग-अलग राज्यों में दर्ज मामलों को एकसाथ सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने की याचिका दायर की थी। हालांकि, CJI खन्ना ने त्वरित सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि याचिका दो-तीन दिनों में सूचीबद्ध की जाएगी, जिससे अधिवक्ता को बड़ा झटका लगा।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्टरूम में अभिनव चंद्रचूड़ ने CJI संजीव खन्ना से कहा कि कई एफआईआर दर्ज की जा रही हैं। इस पर CJI खन्ना ने स्पष्ट किया कि सुनवाई के लिए पहले ही तारीख तय कर दी गई है। जब चंद्रचूड़ ने असम पुलिस का जिक्र करते हुए फिर से अनुरोध किया, तो CJI खन्ना ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए कहा, “नो-नो मिस्टर चंद्रचूड़, मौखिक शिकायतों की अनुमति नहीं दी जाएगी।” बावजूद इसके, अभिनव चंद्रचूड़ ने अनुच्छेद 32 का हवाला देते हुए फिर से दलील दी, जिस पर CJI खन्ना ने दोहराया, “हां, हमने पहले ही तारीख निर्धारित कर दी है। यह एक नया मामला है।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्टरूम में जब अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ ने CJI संजीव खन्ना के समक्ष कई एफआईआर दर्ज होने की बात रखी, तो CJI खन्ना ने स्पष्ट किया कि मामले की सुनवाई के लिए पहले ही तारीख तय की जा चुकी है। इसके बावजूद, जब चंद्रचूड़ ने असम पुलिस का उल्लेख करते हुए दोबारा जल्द सुनवाई की अपील की, तो CJI खन्ना ने बीच में रोकते हुए कहा, नो-नो मिस्टर चंद्रचूड़, मौखिक शिकायतों की यहां कोई जगह नहीं है।
रणवीर इलाहाबादिया की माता-पिता और यौन संबंधों पर की गई विवादास्पद टिप्पणियों की देशभर में कड़ी आलोचना हो रही है। इस मुद्दे को लेकर कई राज्यों में उनके खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। 14 नवंबर, 2024 को खार हैबिटेट में शूट किए गए इस विवादित एपिसोड का हाल ही में प्रसारण हुआ, जिसमें पैनलिस्टों ने लगातार आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। इस शो में इलाहाबादिया के साथ कॉमेडियन समय रैना, यूट्यूबर आशीष चंचलानी और अपूर्वा मखीजा भी शामिल थे। बढ़ते विवाद के बीच महाराष्ट्र और असम में इलाहाबादिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
अभिनव चंद्रचूड़ बॉम्बे हाईकोर्ट में वकालत करते हैं और अपने पिता की तरह उन्होंने भी हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम किया है। वह अपनी कानूनी विशेषज्ञता के अलावा किताबों और लेखों के जरिए भी सुर्खियों में रहते हैं। 2007-2008 में उन्हें उत्कृष्ट छात्र के रूप में यशवंत दलाल और रंगनाथ राव पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।