UP-अमेठी में कृषक गोष्ठी का आयोजन, वैज्ञानिकों ने किसानो को खेती करने के दिये टिप्स Amethi,Krishak,goshti, ayojan, vagyaniko,kisano,kheti,karne ,ke diye,tips,vibhag,adhikariyo,jagruk, kariyekram,
यूपी के अमेठी में कृषक गोष्ठी कई दिनों तक चलेगी, जिसमें किसानों को खेती किसानी की नई-नई विधियां बताई जाएगी। कृषक गोष्ठी में बड़े वैज्ञानिक भी शामिल हुए. विभाग और अधिकारियों का उद्देश्य है।खेती किसानी के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए तरह-तरह के कार्यक्रम चलाए जाते हैं।इन्हीं कार्यक्रमों के अंतर्गत किसानों को खेती किसानी के प्रति जागरूक किया जा रहा है. इसी कड़ी में अमेठी में एक बड़ी कृषक गोष्ठी आयोजित की गई।कृषक गोष्ठी कई दिनों तक चलेगी जिसमें किसानों को खेती किसानी की नई-नई विधियां बताई जाएगी।
कृषक गोष्ठी में बड़े वैज्ञानिक भी शामिल हुए। विभाग और अधिकारियों का उद्देश्य है कि किसानों को प्रगतिशील बनाया जा सकेकृषक गोष्ठी का आयोजन जनपद के जिला पंचायत रिसोर्स सेंटर परिसर में किया गया।इस परिसर में आयोजित होने वाली कृषक गोष्ठी में प्रगतिशील किसानों को बुलाया गया।जहां पर उन्हें खेती किसानी में बेहतर काम करने के लिए सम्मानित किया गया। इसके साथ कृषि विभाग की इस गोष्ठी में अलग-अलग मौसमी सब्जियों के साथ गैर मौसम में भी किसानों के मेहनत से उत्पादित होने वाली सब्जियों के स्टॉल को लगाया गया और आने वाले किसानों को इन स्टाल का भ्रमण कर उन्हें इन खेती किसानी के प्रति जागरूक किया गया।बिन मौसम सब्जियां तैयार करने वाले किसान की रही चर्चाइस कृषक गोष्ठी में एक बड़े किसान सत्येंद्र कुमार सिंह भी शामिल हुए जिन्होंने मौसमी सब्जियों के साथ बे-मौसम में भी सब्जियों को तैयार कर वहां पर अपने स्टॉल लगाए।जो किसानों के लिए आकर्षण का केंद्र था और किसानों ने उसका भ्रमण कर उनसे ढेर सारी जानकारियां भी हासिल की.जानिए कृषि वैज्ञानिक की यह सलाहकृषि गोष्ठी में शामिल हुए कृषि वैज्ञानिक डॉ सुरेंद्र सिंह ने कहा कि किसानों को लगातार जागरूक किया जाता है।हमारे यहां जनपद में कृषि विज्ञान केंद्र कठौरा स्थापित है।जहां पर किसानों को खेती किसानी के नई- नई तकनीक समझाई जाती है। इसके साथ ही मैं किसानों को बताना चाहता हूं कि रासायनिक उर्वरक का कम से कम प्रयोग कर जैविक खेती के प्रति ज्यादा ध्यान दें जिससे पैदावार में बढ़ोत्तरी होगी।इसके साथ ही किसानों की आय दुगनी होगी. उन्होंने कहा कि किसान अपने खेतों में जैविक खाद जिसमें गोबर केंचुए की खाद के साथ पैरें को सडाकर उसकी खाद तैयार करें।इस विधि से खेती करने से किसान मालामाल होंगे।किसानों को किया जा रहा है जागरूक।जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रहरी ने कहा कि यह कार्यक्रमबहुत ही अच्छा है और किसानों को समय-समय पर इन कार्यक्रमों के माध्यम से जागृत किया जाता है। मैं समझता हूं कि सरकार किसानों के प्रति लगातार सवेंदनशील है।