वाराणसी से आजमगढ़ जाने वाली सड़क खराब है तो किसानों ने सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए विरोध का अनोखा तरीका अपनाया। किसानों ने डेढ़ कुंटल के लोहे का हेलीकॉप्टर बनाया और उसे छत पर लगा दिया। उनका मानना है कि आने वाले जनप्रतिनिधि और नेता हेलीकॉप्टर से निकले क्योंकि यहां सड़क निकलने लायक नहीं है। ऐसा गांव की दीवारों पर भी लिख दिया गया है। किसानों का यह भी आरोप है कि 16 किलोमीटर की इस खराब सड़क के लिए किसानों से जमीन अधिग्रहण भी किया गया और उनका भुगतान में नहीं हुआ। इसके साथ ही कई किसानों के पास नोटिस भी भेजे गए हैं ।इसलिए वह 21 फरवरी को टोल प्लाजा पर बड़ा प्रदर्शन करने को मजबूर है।
वाराणसी से आज़मगढ़ जाने वाली मुख्य मार्ग पर वाराणासी में लगे टोल प्लाजा 16 किलोमीटर तक खराब सड़क को लेकर किसान लामबंद हो चुके है। किसानों का आगामी 21 फरवरी को होगा टोलप्लाज़ा पर प्रदर्शन किसानों का आरोप है कि जमीन अधिग्रहण के बाद भी किसानों को मुआवजा नही मिल सका है ।इसके साथ साथ किसानों के ऊपर सरकार द्वारा मुकदमा भी कायम किया गया है। किसानों ने यह भी बताया है कि 650 ग्राम के वजनी कागजो में नोटिस प्रति किसानों को जारी किया है ।जिसमे बहुतायत किसान शामिल है व विभिन्न धाराओं के साथ मुकदमे का भी जिक्र है।
किसान नेता अजित सिंह ने मोबाइल काल पर बताया कि सरकार की कुम्भकर्णी नीद से जगाने के लिए ढेड़ कुंतल लोहे की बनी आकृति की हेलीकाप्टर को बनाकर एक छत पर टांग दिया गया है जिससे मौजूदा सरकार के स्थानीय विधायक व सांसद को आइना दिख कर विरोध प्रदर्शित कर सके। इसके साथ ही दिवालो पर सुझाव व इन जनप्रतिनिधियों के जान माल के सुरक्षा का सुझाव भी लिखा गया है। इस दीवाल पर एक एक शब्द चीख चीख कर किसानों समेत स्थानीय व कई जिलों के आने जाने वाले राहगीरों को ध्यान आकर्षित कर न्याय की आस के लिए दिख रही है। इन किसानों ने अनोखा रास्ता अख्तियार किया है। किसान नेता का यह हेलीकाप्टर कितना कारगर होगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा ।