राजधानी के फुटपाथों की जर्जर हालत और पैदल चलने वालों को हो रही परेशानी को देखते हुए लोकनिर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) बड़ा अभियान चलाएगा। विभाग ने राजधानी की प्रमुख सड़कों पर लगभग 200 किलोमीटर फुटपाथों की मरम्मत और पुनर्निर्माण की योजना बनाई है।
यह कार्य मानसून के बाद होगा। दिल्ली के अधिकांश फुटपाथ या तो टूटे हुए हैं या कब्जों में जकड़े हैं। कई जगहों पर फुटपाथों को पार्किंग स्थल या ठेले-खोमचों ने घेर रखा है जिससे पैदल यात्रियों को जान जोखिम में डालकर सड़कों पर चलना पड़ता है। यह समस्या खासतौर पर भीड़भाड़ वाले बाजारों, बस स्टॉप और स्कूलों के पास अधिक गंभीर है। विभाग की ओर से बनाई गई योजना के तहत सड़क, फुटपाथ, नालियों और सेंट्रल वर्ज सहित कई मरम्मत कार्य एक ही टेंडर प्रक्रिया के तहत किए जाएंगे। इससे न केवल काम में पारदर्शिता और गति आएगी बल्कि गुणवत्ता को भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।
इन कार्यों में फुटपाथों की चौड़ाई बढ़ाना, ग्रेनाइट या कंक्रीट टाइल्स का उपयोग, रैंप बनाना, संकेतक बोर्ड और स्ट्रीट फर्नीचर लगाना व हरियाली के लिए पेड़-पौधे लगाना शामिल है।
दिल्ली सरकार उन इलाकों को प्राथमिकता देगी जहां रोजाना बड़ी संख्या में लोग पैदल चलते हैं या मेट्रो स्टेशन, अस्पताल व प्रमुख बाजार स्थित हैं। इनमें लाजपत नगर, आईएनए, साउथ एक्स, मथुरा रोड, देवली रोड, आउटर रिंग रोड और प्रेस एन्क्लेव रोड जैसे क्षेत्र शामिल हैं। राजधानी में लगभग 1400 किलोमीटर लंबी सड़कें पीडब्ल्यूडी के अधीन हैं। इनमें से बड़ी संख्या में फुटपाथ खस्ताहाल हैं या फिर अतिक्रमण के शिकार हैं।