संगम नगरी प्रयागराज में ‘महाकुंभ 2025’ का भव्य आयोजन चल रहा है। इस आयोजन में अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी भी अपनी पत्नी के साथ पहुंचे
सबसे पहले वो इस्कॉन के शिविर पहुंचे , शिविर में व्यवस्थाओं का जायजा लिया , वहीं उन्होंने कहा कि भक्तों की सेवा में ही मां गंगा की ही सेवा है, इसीलिए मेरा मानना है कि सेवा ही साधना है, और सच्चे दिल से की गई सेवा सीधे परमात्मा तक पहुंचती है। गौतम अडानी इस्कॉन द्वारा संचालित किचन भी गए, जहां महाप्रसाद तैयार किया जाता है, यहां उन्होंने सभी तैयारियों का जायजा भी लिया
इसके बाद गौतम अडानी त्रिवेणी संगम पहुंचे, वहां उन्होंने पूजा अर्चना की। त्रिवेदी संगम गंगा , यमुना पौराणिक सरस्वती नदी का संगम है। पौराणिक कथाओं में त्रिवेणी संगम के बारे में बहुत कुछ बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि यह वह स्थान है जहां भगवान के हाथ से अमृत का घड़ा छूटने के बाद अमृत की कुछ बूंदे गिर गई थी। गौतम अडानी ने इस पवित स्थल की पूजा अर्चना कर देश और परिवार के कल्याण के लिए प्रार्थना की
दरअसल महाकुंभ का केंद्र प्रयागराज है, इतिहास और आध्यामिकता से परिपूर्ण एक नगर है। तीर्थ स्थल के रूप में इसका एक अलग महत्व है, यहां पर काफी प्राचीन मंदिर जिनका अपना एक अलग महत्व है। भारत के 16 हनुमान मंदिरों में सबसे बड़ा महत्व लेटे हुए हनुमान मंदिर का है, जहां गौतम अडानी ने पूजा अर्चना और दर्शन किया। गौतम अडानी के नेतृत्व वाला अडानी समूह ने महाकुंभ में धार्मिक एवं सांस्कृतिक पहलुओं को प्रोत्साहित करने के लिए इस्कॉन और गीता प्रेस के साथ मिलकर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया है। इस बार अडानी समूह इस्कॉन और गीता प्रेस के साथ मिलकर महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा में जुटा है
सनातन संस्कृति के साहित्य के माध्यम से संजोने का काम करने वाले गीता प्रेस का आरती संग्रह पुस्तक फ्री वितरित करने की शुरूआत की है। यह विशेष पहल गीता प्रेस गौतम अडानी के साथ मिलकर कर रहे हैं। अदाणी और गीता प्रेस के बीच सहयोग ने इस प्रतिष्ठित संस्था में नई जान फूंक दी है। अदाणी के नेतृत्व में, समूह ने महाकुंभ के दौरान भक्ति गीतों और आरतियों के संकलन की एक करोड़ निःशुल्क प्रतियाँ वितरित करने के लिए गीता प्रेस के साथ भागीदारी की है। यह पहल मानवता की सेवा के लिए पारंपरिक मूल्यों को आधुनिक क्षमताओं के साथ मिलाने के अदाणी के दृष्टिकोण को दर्शाती है।