Report By: Amit Rana
गौतम बुद्ध नगर कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को पर्यावरण संरक्षण से जुड़े विषयों पर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। यह बैठक जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अतुल कुमार की अध्यक्षता में हुई, जिसमें वन विभाग, उद्यान विभाग, शिक्षा विभाग, प्राधिकरण, नगर पालिका, नगर पंचायत समेत अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी तथा पर्यावरणविद उपस्थित रहे।
बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी वृक्षारोपण अभियान को सफल बनाना और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को और सशक्त करना था। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी ने कहा कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने में केवल सरकारी विभागों की ही नहीं बल्कि आम जनमानस की भी अहम भूमिका है। उन्होंने सभी विभागों से आपसी समन्वय बनाकर औद्योगिक इकाइयों, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों (RWA), शैक्षणिक संस्थानों, गैर-सरकारी संगठनों (NGO) और स्कूलों को इस अभियान में सहभागी बनाने का आह्वान किया।
वृक्षारोपण अभियान को शासन की भावना के अनुरूप सफल बनाने के लिए सभी विभागों को अपनी कार्य योजनाएं तैयार करने और वृक्षारोपण के लिए लक्षित स्थलों का चिन्हांकन करते हुए गड्ढा खुदाई की सूचना वन विभाग को निर्धारित प्रारूप में शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। अपर जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बरतने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में प्रभागीय वन अधिकारी प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस वर्ष भी “एक पेड़ माँ के नाम” थीम पर देशभर में वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर आधारित है। उन्होंने सभी विभागों से आग्रह किया कि इस अभियान को व्यापक स्तर पर प्रचारित करें और अधिक से अधिक लोगों को जोड़ें। उन्होंने बताया कि पौधारोपण के उपरांत लोग अपनी तस्वीरें संबंधित पोर्टल पर अपलोड करेंगे, जिससे जिले को राज्य स्तर पर ऊंचा स्थान मिल सके। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि सभी विभाग अपने-अपने नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर, उनकी जानकारी वन विभाग को दें ताकि समन्वय बनाकर अभियान को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया जा सके।
अपर जिलाधिकारी ने वर्चुअल माध्यम से सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने क्षेत्रों में हिंडन नदी के किनारे और तालाबों के आसपास वृक्षारोपण हेतु स्थलों का चयन करें और गड्ढा खुदाई की कार्यवाही शीघ्र पूरी कर उसकी रिपोर्ट वन विभाग को भेजें। साथ ही उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देशित किया कि स्कूली बच्चों को वृक्षारोपण से जोड़ा जाए, जिससे वे न केवल किताबों से बल्कि व्यवहारिक रूप में भी पर्यावरण संरक्षण को समझ सकें।
पर्यावरण समिति की समीक्षा करते हुए अपर जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि ओवरलोडिंग में बिना ढके निर्माण सामग्री के परिवहन पर सख्ती से रोक लगाई जाए और इसके लिए सभी विभाग संयुक्त रूप से अभियान चलाकर कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि कूड़े को जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए प्राधिकरण और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सतर्क रहें और यदि ऐसा कोई मामला सामने आता है तो संबंधित के खिलाफ नियम के अनुसार कार्रवाई की जाए। उन्होंने वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने को भी कहा।
जिला गंगा समिति की समीक्षा के दौरान उन्होंने यमुना और हिंडन नदी के किनारे हो रहे अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर रोक लगाने के निर्देश देते हुए कहा कि संबंधित अधिकारी क्षेत्रों का नियमित निरीक्षण करें और डूब क्षेत्र में चेतावनी संकेत लगाए जाएं कि वहाँ किसी भी प्रकार का निर्माण प्रतिबंधित है। साथ ही, नदियों की सफाई पर विशेष ध्यान देने और अनटैप्ड ड्रेनों के अंतरिम उपचार हेतु फाइटो-रेमेडिएशन व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया।
वेटलैंड समिति की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि जिन तालाबों पर अतिक्रमण हुआ है, उन्हें मिटिगेशन प्रक्रिया में शामिल किया जाए और उनका स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की जाए। वेटलैंड के पुनर्जीवन की दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए।
इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रभागीय वन अधिकारी प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, क्षेत्रीय प्रबंधक यूपीपीसीबी नोएडा, प्राधिकरणों के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।