Report By : ICN Network
नगर निगम बोर्ड द्वारा डीएम सर्किल रेट के आधार पर संपत्ति कर वसूली के फैसले को पहले ही निरस्त कर दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद शहर के विभिन्न जोनों में बढ़े हुए टैक्स बिल लोगों को भेजे जा रहे हैं। इस पर अब महापौर ने कड़ा रुख अपनाया है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
महापौर सुनीता दयाल ने बताया कि मोहन नगर, वसुंधरा और कविनगर जोन में बढ़े हुए संपत्ति कर बिलों का वितरण और मोबाइल पर मैसेज भेजने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। जबकि नगर निगम की पिछली बोर्ड बैठक में स्पष्ट रूप से यह निर्णय लिया गया था कि संपत्ति कर में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की जाएगी और आगामी दो महीने के भीतर पुराने बिलों की समीक्षा की जाएगी।
महापौर ने इसे नगर निगम सदन के निर्णय की सीधी अवहेलना करार दिया और मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा को निर्देश दिए कि बढ़े हुए बिल जारी करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की पहचान कर उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए।
इसके साथ ही उन्होंने सॉफ्टवेयर टेक्निशियन को भी बिल जनरेटिंग सिस्टम में संशोधन कर बढ़े हुए बिलों पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
यह मामला अब नगर निगम प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है, क्योंकि बोर्ड के फैसले को नजरअंदाज कर जनता पर अनावश्यक वित्तीय बोझ डाला जा रहा है।