वैदिक तत्वा की फाउंडर लहर गुप्ता ने कृषि मंत्री को बताया कि उनके सभी उत्पाद प्राकृतिक और पारंपरिक तरीकों से तैयार किए जाते हैं, ताकि उपभोक्ताओं तक शुद्धता और पोषण का असली अनुभव पहुंचे। उन्होंने कहा कि आज के दौर में, जब मिलावट एक बड़ी चुनौती है, वैदिक तत्वा यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक उत्पाद का स्रोत पारदर्शी हो। इसके लिए हर उत्पाद के लेबल पर स्रोत की जानकारी स्कैन करने की सुविधा दी गई है, ताकि उपभोक्ता खुद उत्पाद की उत्पत्ति का पता लगा सकें। किसानों और महिलाओं को मिल रहा रोजगार
लहर गुप्ता ने आगे बताया कि वैदिक तत्वा का मिशन न केवल शुद्ध उत्पादों को लोगों तक पहुंचाना है, बल्कि उत्तराखंड के पहाड़ी जंगलों और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर स्थानीय किसानों और खासकर महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना भी है। यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी योगदान दे रही है। कृषि अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष भी रहे मौजूद
इस अवलोकन के दौरान कृषि अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष एवं दर्जा राज्यमंत्री कैप्टन विकास गुप्ता भी मौजूद रहे। वैदिक तत्वा की इस पहल को न केवल उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करने, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।