ग्रेनो प्राधिकरण ने अधिसूचित क्षेत्र में भनौता गांव में अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाकर करीब 65 हजार वर्गमीटर जमीन मुक्त कराई। बृहस्पतिवार को खाली कराई गई जमीन की कीमत करीब 130 करोड़ रुपये बताई गई है। विरोध के बीच की गई कार्रवाई के दौरान प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ पुलिस भी मौके पर मौजूद रही। करीब तीन घंटे तक चली कार्रवाई में करीब छह जेसीबी और पांच डंपर की मदद ली गई। अधिकारियों के मुताबिक भनौता में अवैध रूप से प्लॉटिंग कर निर्माण कराए जा रहे थे। मौके पर दुकानें और अन्य निर्माण करा लिए गए थे। यहां काॅलोनाइजर की ओर से अवैध काॅलोनी विकसित करने का प्रयास किया जा रहा था। सीईओ एनजी रवि कुमार के आदेश पर प्राधिकरण की टीम अतिक्रमण हटाने मौके पर पहुंची। खाली कराई गई जमीन के भू-उपयोग के मुताबिक इस्तेमाल किया जाएगा। कार्रवाई के समय प्राधिकरण की परियोजना और भूलेख विभाग की टीम मौजूद रही। पुलिस की मदद से जीएम प्रोजेक्ट एके सिंह और ओएसडी राम नयन सिंह ने कार्रवाई कराई। ओएसडी का कहना है कि अधिसूचित क्षेत्र भनौता के खसरा संख्या 131, 207, 228, 294, 295 296 पर अवैध रूप से निर्माण किए गए थे। यहां दो दर्जन से अधिक मकान और दूसरे निर्माण भी हो चुके थे। जिन्हें ढहाया दिया गया।
ग्रेटर नोएडा: अतिक्रमण पर चलाया बुलडोजर

ग्रेनो प्राधिकरण ने अधिसूचित क्षेत्र में भनौता गांव में अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाकर करीब 65 हजार वर्गमीटर जमीन मुक्त कराई। बृहस्पतिवार को खाली कराई गई जमीन की कीमत करीब 130 करोड़ रुपये बताई गई है। विरोध के बीच की गई कार्रवाई के दौरान प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ पुलिस भी मौके पर मौजूद रही। करीब तीन घंटे तक चली कार्रवाई में करीब छह जेसीबी और पांच डंपर की मदद ली गई। अधिकारियों के मुताबिक भनौता में अवैध रूप से प्लॉटिंग कर निर्माण कराए जा रहे थे। मौके पर दुकानें और अन्य निर्माण करा लिए गए थे। यहां काॅलोनाइजर की ओर से अवैध काॅलोनी विकसित करने का प्रयास किया जा रहा था। सीईओ एनजी रवि कुमार के आदेश पर प्राधिकरण की टीम अतिक्रमण हटाने मौके पर पहुंची। खाली कराई गई जमीन के भू-उपयोग के मुताबिक इस्तेमाल किया जाएगा। कार्रवाई के समय प्राधिकरण की परियोजना और भूलेख विभाग की टीम मौजूद रही। पुलिस की मदद से जीएम प्रोजेक्ट एके सिंह और ओएसडी राम नयन सिंह ने कार्रवाई कराई। ओएसडी का कहना है कि अधिसूचित क्षेत्र भनौता के खसरा संख्या 131, 207, 228, 294, 295 296 पर अवैध रूप से निर्माण किए गए थे। यहां दो दर्जन से अधिक मकान और दूसरे निर्माण भी हो चुके थे। जिन्हें ढहाया दिया गया।