Report By : ICN Network
ग्रेटर नोएडा: जनपद गौतम बुद्ध नगर में प्रस्तावित सर्कल रेट वृद्धि के विरोध में नेफोमा (फ्लैट बायर्स एसोसिएशन) ने जिलाधिकारी कार्यालय में अपनी आपत्ति दर्ज कराई। इस दौरान संस्था के अध्यक्ष अन्नू खान और मुख्य सलाहकार दीपक दुबे ने डीएम से मुलाकात कर अपनी आपत्तियाँ प्रस्तुत कीं।
नेफोमा ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि उत्तर प्रदेश स्टाम्प (संपत्ति का मूल्यांकन) नियमावली, 1997 के तहत 2025 में प्रस्तावित सर्कल रेट संशोधन जनहित के खिलाफ है। उनका कहना है कि 2013 से कई ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में फ्लैटों की रजिस्ट्रियाँ लंबित हैं, जिसका कारण प्रशासनिक लापरवाही और बिल्डरों की अनियमितताएँ हैं। ऐसे में जब तक खरीदारों को कानूनी स्वामित्व नहीं मिल जाता, तब तक सर्कल रेट वृद्धि अनुचित होगी।
रजिस्ट्रियों में देरी के चलते फ्लैट खरीदारों को बैंक लोन की EMI चुकानी पड़ रही है, जबकि वे अभी तक संपत्ति के मालिक नहीं बन पाए हैं। ऐसे में बढ़े हुए सर्कल रेट के आधार पर करारोपण पूरी तरह अव्यवहारिक और अन्यायपूर्ण होगा।
नेफोमा ने यह भी कहा कि ग्रेटर नोएडा में अब भी पर्याप्त मेट्रो, बस सेवा, गंगाजल आपूर्ति, सरकारी विद्यालय, अस्पताल और CGHS डिस्पेंसरी जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। जब तक इन समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता, तब तक सर्कल रेट बढ़ाना पूरी तरह असंगत होगा।
इसके अलावा, नेफोमा ने “सुपर एरिया” के नाम पर हो रही अवैध वसूली को रोकने की माँग की। उत्तर प्रदेश रेरा के आदेशानुसार, “सुपर एरिया” की अवधारणा अवैध है, लेकिन बिल्डर अब भी इसके आधार पर संपत्तियों की रजिस्ट्री कर रहे हैं। नेफोमा ने प्रशासन से आग्रह किया कि संपत्तियों का पंजीकरण केवल “कारपेट एरिया” के आधार पर किया जाए और “सुपर एरिया” के नाम पर की गई अवैध वसूली की जाँच कर बिल्डरों पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
नेफोमा ने प्रशासन से माँग की कि लंबित रजिस्ट्रियों के शीघ्र निष्पादन के लिए प्रभावी निर्देश जारी किए जाएँ और जहाँ बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है, वहाँ सर्कल रेट वृद्धि को रोका जाए।