Report By : Ankit Srivastav (ICN Network)
ज्ञानवापी केस में बृहस्पतिवार को आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट सामने आ चुकी है। रिपोर्ट के आने के बाद से ही हिंदुओं में खुशी की लहर है। लेकिन ये रिपोर्ट ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ असदुद्दीन ओवैसी को रास नहीं आई और उन्होंने ट्वीट कर इसको लेकर सवाल खड़े करने शुरु कर दिए।
हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि ‘यह पेशेवर पुरातत्वविदों या इतिहासकारों के किसी भी समूह के सामने अकादमिक जांच में टिक नहीं पाएगा। रिपोर्ट अनुमान पर आधारित है और वैज्ञानिक अध्ययन का मजाक उड़ाया गया है। जैसा कि एक महान विद्वान ने एक बार कहा था, एएसआई हिंदुत्व के हाथों की कठपुतली है।’
रिपोर्ट में बताया गया ये…
दरअसल, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया है कि एएसआई रिपोर्ट से संकेत मिला है कि ज्ञानवापी मस्जिद को पहले से मौजूद एक पुराने मंदिर के अवशेषों पर बनाया गया है। एएसआई की 839 पन्नों वाली रिपोर्ट की कॉपियों को सभी पक्षों को सौंप दिया गया है। जैन के अनुसार, सर्वे रिपोर्ट में मंदिर के अस्तित्व के पर्याप्त सबूत मिलने हैं। यहीं नहीं उन्होंने दावा किया है कि सर्वे के दौरान दो तहखानों में हिंदू देवताओं की मूर्तियों के अवशेष भी मिले हैं।
एएसआई की सर्वे रिपोर्ट को लेकर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन का कहना ये भी है कि “एएसआई ने कहा है कि वहां पर 34 शिलालेख हैं। जो पहले हिंदू मंदिर था उसके शिलालेख को दोबारा उपयोग करके मस्जिद बनाया गया। इनमें देवनागरी, ग्रंथ, तेलुगु और कन्नड़ लिपियों में शिलालेख मिले हैं। इन शिलालेखों में जनार्दन, रुद्र और उमेश्वर जैसे देवताओं के तीन नाम मिलते हैं।”