हापुड़ जिले के पिलखुवा थाना क्षेत्र में पुलिस ने अवैध हाइड्रोफ्लोरिक एसिड के बड़े भंडार के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से 38 किलोग्राम प्रतिबंधित एसिड प्लास्टिक के कैन में बरामद हुआ है, जो खतरनाक रसायन नियंत्रण नियमों का खुला उल्लंघन है। पुलिस अब आरोपी से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुट गई है ताकि एसिड तस्करी के पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया जा सके।
थाना पिलखुवा प्रभारी श्योपाल सिंह के अनुसार, बुधवार दोपहर पुलिस टीम हिंडालपुर बंबे की पुलिया के पास संदिग्ध व्यक्तियों की जांच कर रही थी। इसी दौरान करीब दो बजे पुलिया से कुछ दूरी पर एक व्यक्ति को प्लास्टिक के कैन के साथ संदिग्ध हालत में देखा गया। पूछताछ के दौरान वह घबरा गया और कैन पर लिखे ‘हाइड्रोफ्लोरिक एसिड’ शब्द देखकर पुलिस को पूरा मामला समझ में आ गया। पकड़ा गया व्यक्ति मुरादाबाद जिले के कांठ थाना क्षेत्र के उमरी कलां गांव का रहने वाला शोएब निकला।
पूछताछ में शोएब ने स्वीकार किया कि उसने यह 38 किलो एसिड कुछ घंटे पहले ही किसी अज्ञात व्यक्ति से खरीदा था और आगे ले जाने के लिए वाहन का इंतजार कर रहा था। पुलिस ने उससे उत्तर प्रदेश सरकार की 2015 की विष नियंत्रण नियमावली के तहत अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) मांगा, लेकिन वह प्रस्तुत नहीं कर सका।
जानकारी के मुताबिक, हाइड्रोफ्लोरिक एसिड को 2014 की विष (एसिड) सूची में क्रमांक छह पर प्रतिबंधित रसायन के रूप में दर्ज किया गया है। आरोपी के खिलाफ विष विस्फोटक अधिनियम 1919 के तहत मामला दर्ज किया गया है। बरामद एसिड में से एक लीटर का नमूना जांच के लिए सील कर प्रयोगशाला भेजा गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, हाइड्रोफ्लोरिक एसिड अत्यंत खतरनाक रसायन है जो त्वचा को जला सकता है और सांस संबंधी गंभीर दिक्कतें पैदा कर सकता है। इसका अवैध व्यापार अक्सर विस्फोटक निर्माण या अन्य आपराधिक गतिविधियों से जुड़ा होता है। पुलिस ने मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है और एसिड के स्रोत व संभावित खरीदारों तक पहुंचने के लिए छापेमारी की योजना बनाई है।
थाना प्रभारी ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से जिले में रसायनों के अवैध कारोबार पर रोक लगेगी। साथ ही उन्होंने आम जनता से अपील की कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।