मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली हर्षा रिछारिया ने जब एंकरिंग व मॉडलिंग छोड़ प्रयागराज महाकुंभ में साध्वी रूप धारण किया तो विवाद खड़ा हो गया. अब इस हर्षा के परिवार का बयान सामने आया है प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चल रहे महाकुंभ में आस्था और अध्यात्म के रंग दिखाई दे रहे हैं। इस महापर्व में साधु-संतों और धर्मगुरुओं का जमावड़ा लगा हुआ है, और लोग दूर-दूर से इस धार्मिक आयोजन में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं। इसी बीच, मध्य प्रदेश के भोपाल की हर्षा रिछारिया ने एंकरिंग और माडलिंग का करियर छोड़कर महाकुंभ में साध्वी का रूप धारण किया, जिससे विवाद उत्पन्न हो गया निरंजनी अखाड़े के रथ पर शाही स्नान के दौरान कुछ साधु-संतों ने हर्षा को फटकार लगाई और पाखंडी तक कह दिया। हालांकि, कुछ महात्माओं ने उनका बचाव भी किया। इस विवाद के बाद हर्षा का परिवार चिंतित है। हर्षा के माता-पिता, दिनेश रिछारिया और किरण, और भाई करण ने सवाल उठाया कि माडलिंग जैसा सम्मानजनक करियर छोड़कर हर्षा ने दो-तीन साल पहले धर्म का मार्ग अपनाया, तो क्या यह गलत था? उनके माता-पिता ने कहा कि अगर दूसरे देशों की महिलाएं महाकुंभ में स्नान करती हैं तो उनकी सराहना की जाती है, लेकिन यदि अपनी ही देश की बेटी धर्म अपनाकर स्नान करती है तो उसे पाखंडी कहा जाता है, यह उचित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि हर्षा ने कभी झूठ नहीं बोला है और देशभर में चर्चा के बाद निरंजनी अखाड़ा इस तरह की बातें कर रहा है क्योंकि उनका नाम और बढ़ गया है हर्षा के परिवार का मूल घर उत्तर प्रदेश के झांसी के मऊरानीगंज में है, और वे पिछले 25 सालों से भोपाल में रह रहे हैं। हर्षा की मां ने 2004 के उज्जैन सिंहस्थ कुंभ का जिक्र करते हुए बताया कि उस समय जब हर्षा साधु-संतों के स्नान स्थान पर चली गई थी, तो पुलिस ने उसे धक्का देकर बाहर कर दिया था। इस घटना ने हर्षा को आहत किया था और उसने यह संकल्प लिया था कि एक दिन वह साधु-संतों के बीच स्नान करेगी। महाकुंभ के अमृत स्नान के समय हर्षा ने इस घटना को याद करते हुए फोन पर अपनी भावनाएं व्यक्त की और रो पड़ी
निरंजनी अखाड़े से हर्षा रिछारिया निष्कासित, माता-पिता बोले- ‘धर्म अपनाकर गलत किया?
मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली हर्षा रिछारिया ने जब एंकरिंग व मॉडलिंग छोड़ प्रयागराज महाकुंभ में साध्वी रूप धारण किया तो विवाद खड़ा हो गया. अब इस हर्षा के परिवार का बयान सामने आया है प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चल रहे महाकुंभ में आस्था और अध्यात्म के रंग दिखाई दे रहे हैं। इस महापर्व में साधु-संतों और धर्मगुरुओं का जमावड़ा लगा हुआ है, और लोग दूर-दूर से इस धार्मिक आयोजन में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं। इसी बीच, मध्य प्रदेश के भोपाल की हर्षा रिछारिया ने एंकरिंग और माडलिंग का करियर छोड़कर महाकुंभ में साध्वी का रूप धारण किया, जिससे विवाद उत्पन्न हो गया निरंजनी अखाड़े के रथ पर शाही स्नान के दौरान कुछ साधु-संतों ने हर्षा को फटकार लगाई और पाखंडी तक कह दिया। हालांकि, कुछ महात्माओं ने उनका बचाव भी किया। इस विवाद के बाद हर्षा का परिवार चिंतित है। हर्षा के माता-पिता, दिनेश रिछारिया और किरण, और भाई करण ने सवाल उठाया कि माडलिंग जैसा सम्मानजनक करियर छोड़कर हर्षा ने दो-तीन साल पहले धर्म का मार्ग अपनाया, तो क्या यह गलत था? उनके माता-पिता ने कहा कि अगर दूसरे देशों की महिलाएं महाकुंभ में स्नान करती हैं तो उनकी सराहना की जाती है, लेकिन यदि अपनी ही देश की बेटी धर्म अपनाकर स्नान करती है तो उसे पाखंडी कहा जाता है, यह उचित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि हर्षा ने कभी झूठ नहीं बोला है और देशभर में चर्चा के बाद निरंजनी अखाड़ा इस तरह की बातें कर रहा है क्योंकि उनका नाम और बढ़ गया है हर्षा के परिवार का मूल घर उत्तर प्रदेश के झांसी के मऊरानीगंज में है, और वे पिछले 25 सालों से भोपाल में रह रहे हैं। हर्षा की मां ने 2004 के उज्जैन सिंहस्थ कुंभ का जिक्र करते हुए बताया कि उस समय जब हर्षा साधु-संतों के स्नान स्थान पर चली गई थी, तो पुलिस ने उसे धक्का देकर बाहर कर दिया था। इस घटना ने हर्षा को आहत किया था और उसने यह संकल्प लिया था कि एक दिन वह साधु-संतों के बीच स्नान करेगी। महाकुंभ के अमृत स्नान के समय हर्षा ने इस घटना को याद करते हुए फोन पर अपनी भावनाएं व्यक्त की और रो पड़ी