Report By : Mayank Khanna (ICN Network)
हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम उत्तर प्रदेश की राजनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। आने वाले समय में यूपी में 10 विधानसभा उपचुनाव होने वाले हैं, और हरियाणा की पश्चिमी सीमा उत्तर प्रदेश से जुड़ी है। इसी कारण हरियाणा के चुनाव परिणामों पर चर्चा का बाजार गर्म है। दोनों राज्यों के बीच सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियां आपस में जुड़ी हुई हैं, जिससे एक राज्य की राजनीतिक हलचल का प्रभाव दूसरे पर भी पड़ता है।
हरियाणा में जाट वोट बैंक की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रति नाराजगी का असर पश्चिमी यूपी में भी देखने को मिल सकता है। इसके अलावा, हरियाणा के चुनाव परिणाम कांग्रेस, भाजपा के साथ-साथ समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल की रणनीतियों पर भी असर डाल सकते हैं। लोकसभा चुनाव में 9 विधायकों के सांसद बनने के बाद से कई विधानसभा सीटें खाली हुई हैं, जिसमें कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट भी शामिल है, जिसका विधायक इरफान सोलंकी की विधायकी जाने के कारण रिक्त हो गया।
इन 10 सीटों के उपचुनाव के लिए सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुटे हैं। भाजपा से लेकर सपा तक अपनी चुनावी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में लगी हुई है। यूपी में इन 10 सीटों में से पांच सीटें समाजवादी पार्टी के पास हैं, जबकि भाजपा के पास तीन, एक सीट राष्ट्रीय लोक दल और एक सीट निषाद पार्टी के पास थी। भाजपा ने उपचुनाव के लिए तैयारियों को तेज कर दिया है, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगभग सभी सीटों का दौरा कर चुके हैं। सहयोगी दल भी एनडीए की जीत के लिए समीकरण बनाने में जुटे हैं। हरियाणा के चुनाव परिणाम इन सभी रणनीतियों पर गहरा असर डाल सकते हैं