Report By : ICN Network
होली के दौरान हुड़दंग के कारण 410 लोग अस्पताल पहुंचे, जिनमें से 160 से ज्यादा को भर्ती किया गया। अस्पताल में इलाज के लिए आंखों में रंग जाने और सांस की समस्याओं से गंभीर हालत में मरीज पहुंचे। केजीएमयू में सबसे ज्यादा 135 घायल आए। पिछले साल के मुकाबले इस बार मरीजों की संख्या थोड़ी कम रही, पिछले साल करीब 480 लोग अस्पताल पहुंचे थे।
केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में 135 लोग घायल पहुंचे, जिनमें से 86 को इलाज के बाद घर भेज दिया गया और गंभीर रूप से घायल 49 लोगों को भर्ती किया गया। पांच लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई। ट्रॉमा प्रभारी डॉ. प्रेमराज ने बताया कि रंग खेलने में लापरवाही के कारण 35 लोगों की आंखों में गंभीर चोटें आईं। इनमें से 25 को गुलाल और रंग से चोटें आईं, जबकि 10 लोगों की आंखों में मारपीट के दौरान चोटें आईं। लोहिया संस्थान में भी 30 से ज्यादा घायलों को भर्ती किया गया।
सिविल अस्पताल में होली के दिन 100 से ज्यादा घायलों को इलाज के लिए लाया गया, जिनमें से 30 को भर्ती किया गया। 20 लोगों को रंग लगने और आंखों में चोट आई, जबकि 70 को प्राथमिक इलाज के बाद घर भेज दिया गया। तीन लोग आग से झुलस गए और दो मृत अवस्था में अस्पताल पहुंचे।
बलरामपुर अस्पताल में 70 से ज्यादा घायल पहुंचे, जिनमें से 31 को भर्ती किया गया। सात लोगों के हाथ-पैर में फ्रैक्चर हुआ, लेकिन किसी की मौत नहीं हुई।
होली के दौरान आवारा कुत्ते भी बौरा गए और 38 लोगों को नोंच लिया। ये लोग रैबीज और टिटनेस के इंजेक्शन लेने के लिए बलरामपुर अस्पताल पहुंचे।
बीकेटी के राम सागर मिश्र अस्पताल की इमरजेंसी में 75 लोग इलाज के लिए पहुंचे, जिनमें से 20 को भर्ती किया गया और बाकी 55 को प्राथमिक इलाज के बाद घर भेज दिया गया। 22 से ज्यादा लोग आंखों में रंग लगने के कारण अस्पताल पहुंचे।