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ब्रेकिंग न्यूज़: NCERT पाठ्यपुस्तकों की पायरेसी से भारी राजस्व नुकसान

NCERT पाठ्यपुस्तकों की पायरेसी से भारी राजस्व नुकसान केंद्र और राज्य सरकारों को भी होता है नुकसान पायरेटेड किताबों में घटिया कागज और स्याही से बच्चों के स्वास्थ्य पर असर

पिछले एक वर्ष में NCERT ने 29 ठिकानों पर की छापेमारी पायरेटेड किताबें और नकली वॉटरमार्क कागज बनाने वालों पर कार्रवाई 20 करोड़ रुपये से अधिक की सामग्री और मशीनें जब्त। ।

एनसीईआरटी (NCERT) ने पायरेसी की जड़ पर प्रहार करने के लिए कई सक्रिय कदम उठाए हैं, जैसे कि पाठ्यपुस्तकों की कीमत में 20% की कटौती (कागज की खरीद में 155 करोड़ रुपये की बचत के चलते), समय पर छपाई, बेहतर गुणवत्ता का कागज (2024-25 में 85% ब्राइटनेस वाला कागज, जबकि पहले 82% ब्राइटनेस थी), आधुनिक मशीनों से छपाई, और अमेज़न व फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर ऑनलाइन बिक्री को बढ़ावा देना (पिछले 8 महीनों में इन प्लेटफॉर्म्स पर 30 लाख से अधिक प्रतियाँ एमआरपी पर बेची गईं।

NCERT ने पायरेसी पर अंकुश लगाने के लिए तकनीक आधारित समाधान का पायलट परीक्षण भी किया है। यह परीक्षण कक्षा 6 की एक पाठ्यपुस्तक की 10 लाख प्रतियों पर किया गया। यह तकनीक IIT कानपुर द्वारा विकसित और पेटेंट की गई है और 2017 से विभिन्न उत्पादों पर सफलतापूर्वक उपयोग हो रही है। इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। 2024-25 में NCERT की बिक्री 526 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है, जबकि 2023-24 में यह 232 करोड़ रुपए थी। टेक आधारित समाधान के व्यापक प्रयोग से NCERT को पायरेटेड किताबों की बिक्री पर लगाम लगाकर अपनी बिक्री को और बढ़ाने में मदद मिलेगी

By Ankshree

Ankit Srivastav (Editor in Chief )

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