Report By : ICN Network
उत्तर प्रदेश के देवरिया की जिलाधिकारी दिव्या मित्तल इन दिनों लगातार चर्चा में हैं। अब एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह जिला स्तरीय बैठक के दौरान जनप्रतिनिधियों को सख्त लहजे में नसीहत देती नजर आ रही हैं।
वीडियो में डीएम दिव्या मित्तल स्पष्ट तौर पर कहती हैं कि कोई भी जनप्रतिनिधि किसी अधिकारी पर स्थानांतरण को लेकर दबाव नहीं बना सकता, क्योंकि यह सीधे तौर पर शासनादेश का उल्लंघन है।
पूरा मामला तब तूल पकड़ गया जब बरहज से विधायक दीपक मिश्रा ने बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) शालिनी श्रीवास्तव से एक शिक्षिका के रुके हुए वेतन और एक संविदा कर्मी के ट्रांसफर को रोकने की मांग की थी। बीएसए द्वारा विधायक की मांग पर कोई कार्रवाई न करने से नाराज विधायक ने बैठक में ही सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) समेत अन्य विभागों के अफसरों को सड़क के खराब हालात को लेकर चेतावनी दी और बीच बैठक से बाहर निकल गए।
इसके बाद एक अन्य जनप्रतिनिधि ने कहा कि अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों की बातों पर ध्यान देना चाहिए और उचित समय पर संवाद बना रहना चाहिए, जिससे समस्याओं का समाधान सरलता से हो सके। वहीं, एक अन्य प्रतिनिधि ने टिप्पणी की कि अगर फाइल अटकी न हो तो स्थानांतरण कर देना चाहिए।
इन सभी बातों के जवाब में डीएम दिव्या मित्तल ने सख्ती के साथ हस्तक्षेप किया और साफ कहा कि अधिकारियों पर इस तरह का कोई भी दबाव शासन के नियमों के खिलाफ है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उनके इस बोल्ड और बेबाक रुख की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है। लोग उनके नेतृत्व की सराहना कर रहे हैं और इसे ईमानदार व निडर प्रशासन की मिसाल बता रहे हैं।
गौरतलब है कि इस बैठक में भाजपा प्रवक्ता व विधायक शलभ मणि त्रिपाठी, विधायक सुरेंद्र चौरसिया, सभा कुंवर, राज्य मंत्री विजयलक्ष्मी गौतम, सपा सांसद रमाशंकर राजभर, एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह और देवरिया सांसद शशांक मणि त्रिपाठी समेत जिले के तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।