Report By : Ankit Srivastav, ICN Network KANPUR (UP)
डिजिटल मुद्राओं में निवेश का झांसा देकर आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर से 1.89 करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित ने कोर्ट के आदेश पर साइबर अपराध थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
वर्तमान में आइआइटी कानपुर में प्रोफेसर राजीव जिंदल ने न्यायालय में दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि वह दो वर्ष पहले तक नोएडा के सेक्टर-100 स्थित लोटस बुलेवर्ड सोसायटी में परिवार सहित रहते थे। वर्ष 2022 में वह एक एप के जरिये इंडोनेशिया की महिला असमारा के संपर्क में आए थे। उसने खुद को इंडोनेशिया के बाली में होटल कारोबारी होने का दावा किया।
महिला ने उन्हें बताया कि वह ऑनलाइन ट्रेडिंग करके घर बैठे लाखों रुपये कमा सकते हैं। इस दौरान असमारा ने पीड़ित को डिजिटल मुद्राओं में निवेश का झांसा दिया। शुरुआत में कुछ निवेश करने के बाद मुनाफा हुआ। उन्होंने धीरे-धीरे करके 1,89,94,972 रुपये विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर किए। कई बार में विभिन्न खातों के माध्यम से उनके खाते में 36,24,710 रुपये आए।
आरोपितों ने कहा कि रोम में संघर्ष चल रहा है। जिस कारण फाइनेंशियल मार्केट में मंदी चल रही है। जिसके बाद कंपनी की तरफ से दिए गए एप पर नियंत्रण ले लिया। आरोपितों ने उनके डाटा के साथ छेड़छाड़ करके उनको नुकसान दिखाने लगे और संपर्क तोड़ लिया। जिसके बाद पीड़ित सदमे में आ गए, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की।
पीड़ित के अधिवक्ता राजेश कुमार ने बताया कि राजीव के साथ जिस समय ठगी हुई थी, उस दौरान साइबर ठगों ने इनके खातों में कुछ धनराशि ट्रांसफर की थी। उस दौरान बेंगलुरू में राजीव के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो गई। बेंगलुरु पुलिस का कहना था कि धोखाधड़ी कर राजीव के बैंक खातों में छह लाख रूपये आए हैं। बेंगलुरू पुलिस ने बैंक खाते फ्रीज कराकर छह लाख रुपये निकाल लिए।