Report By : Shariq Khan Kanpur (UP)
झांसी में बसपा ने 9 दिन पहले घोषित किए अपने झांसी–ललितपुर लोक सभा प्रत्याशी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोपों के चलते देर शाम निष्कासित कर दिया है। वहीं झांसी जिलाध्यक्ष भी बदल दिया है।आखिर परदे के पीछे का क्या सीन है। ये एक बड़ा सवाल बन गया है।वहीं प्रत्याशी पर निष्कासन की कार्यवाही और जिलाध्यक्ष के बदले जाने से बसपा में सुगबुगाहट शुरू हो गई है।पार्टी इतनी जल्दी और इस परिस्थिति में अब किसको यहां से चुनावी मैदान में उतारती है। पार्टी के लिए यह एक चुनौती भी खड़ी हो गई है।इसके अलावा बसपा ने झांसी के अलावा बुंदेलखंड में कई लोगों को नई जिम्मेदारी भी दी है। माना जा रहा है कि इसका असर पार्टी के नये प्रत्याशी के चुनाव पर भी पड़ सकता है।
झांसी ललितपुर लोक सभा सीट से भाजपा व सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी जहां मतदाताओं को साधने में जुटे हैं, वहीं बसपा ने पहले ही प्रत्याशी चयन में काफी देर कर दी थी। पार्टी सूत्रों के अनुसार ललितपुर के पूर्व विधायक, उरई की एक महिला नेत्री का नाम प्रत्याशी की रेस में सबसे आगे चल रहा था। इस सस्पेंस के बीच विगत 9 अप्रैल को पार्टी ने झांसी-ललितपुर के कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित किया। इसमें पार्टी के बुंदेलखंड प्रभारी लालाराम अहिरवार ने बरुआसागर के राकेश कुशवाहा एडवोकेट का नाम घोषित कर दिया। अभी इस सम्मेलन को हुए दस दिन भी नहीं गुजरे और पार्टी ने बड़ी कार्रवाई कर दी। पार्टी ने जिलाध्यक्ष जयपाल अहिरवार को पद से हटा दिया है। उनकी जगह बीके गौतम को इस पद की जिम्मेदारी दी गई है। नये जिलाध्यक्ष बीके गौतम ने पत्र जारी कर बताया कि प्रत्याशी राकेश कुशवाहा पर अनुशासनहीनता व पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप थे। इस संबंध में उन्हें चेतावनी भी दी गई थी। पार्टी ने जांच कराई, तो आरोप सही पाए गए। इसको देखते हुए पार्टी की ओर से राकेश कुशवाहा को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। अब वह पार्टी के प्रत्याशी नहीं होंगे। इधर, पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी को प्रदर्शन खराब रहने का फीडबैक मिला, इसी के आधार पर कार्रवाई की गई है। प्रत्याशी के निष्कासन की खबर लोकसभा क्षेत्र में पहुंचते ही अलग अलग चर्चाएं शुरू हो गईं।वही अब लोग ये जानने के लिए भी उत्सुक नजर आए की इस घटनाक्रम के बाद हुई किरकिरी के बीच बसपा अब किसको चुनावी मैदान में उतारती है।
राकेश कुशवाहा के प्रत्याशी बनते ही बसपा छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे दिग्गज नेता
झांसी में हुए 9 अप्रैल को कार्यकर्ता सम्मेलन में जैसे ही बुंदेलखंड प्रभारी लाला राम अहिरवार ने राकेश कुशवाहा को प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा की वैसे ही पार्टी के कार्यकर्ताओं और कुछ पदाधिकारियों ने बगलें झांकना शुरू कर दिया था।और अंदरूनी तरीके से प्रत्याशी का विरोध भी शुरू हो गया था। लेकिन पार्टी के डर और कहीं अनुशासनहीनता की कार्यवाही न हो जाए किसी ने भी खुलकर विरोध नहीं किया। लेकिन चंद घंटों में ही लोधी समाज में मजबूत पकड़ रखने वाले बुंदेलखंड के कद्दावर नेता दशरथ सिंह ने पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए बसपा छोड़ बीजेपी का दामन थाम कर सबको चौंका दिया था।
झांसी सहित बुंदेलखंड में कई नेताओं को मिली नई जिम्मेदारी
बसपा ने प्रत्याशी राकेश कुशवाहा को निष्कासन तो किया ही। इसके साथ जिलाध्यक्ष जयपाल अहिरवार को हटाकर झांसी के बीके गौतम को नई जिमेदारी दी है। वहीं रवि मौर्य को जिला प्रभारी, कालपी के पूर्व चेयरमैन जगजीवन अहिरवार को मंडल प्रभारी झांसी, कालपी से विधान सभा में पूर्व प्रत्याशी रहे श्याम पाल उर्फ छुन्ना पाल को मंडल प्रभारी झांसी और डॉ बृजेश जाटव को मंडल प्रभारी झांसी बनाया है।