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पतंजलि केस मामले में सुप्रीमकोर्ट ने मांगा विज्ञापन की ओरिजनल कॉपी,रामदेव और बालकृष्ण को अगली पेशी की छूट दी

Report By : Rishabh Singh,ICN Network
पतंजलि विज्ञापन केस में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में करीब डेढ़ घंटे सुनवाई हुई। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच में रामदेव और बालकृष्ण पांचवीं बार पेश हुए।

पतंजलि की ओर से मुकुल रोहतगी और बलबीर सिंह ने पैरवी की। उत्तराखंड सरकार की ओर से ध्रुव मेहता पेश हुए। वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) भी आज की सुनवाई में शामिल हुआ।

सुनवाई शुरू होते ही कोर्ट ने पतंजलि के वकील को ओरिजिनल माफीनामा (न्यूज पेपर्स की कॉपी) की जगह ई-फाइलिंग करने पर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा- बहुत ज्यादा कम्युनिकेशन गैप है।

कोर्ट ने इस पर ऐतराज जताया और कहा कि ये जानबूझकर किया जा रहा है। पतंजलि के वकील ज्यादा स्मार्ट हैं। पूरा न्यूज पेपर फाइल किया जाना था।

कोर्ट ने पतंजलि पर समय पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर उत्तराखंड सरकार को भी फटकारा। साथ ही IMA प्रमुख के एक दिन पहले दिए इंटरव्यू को रिकॉर्ड में लेने को कहा।

1 .वाले विज्ञापन का अखबार पेश कर सके। ई-फाइलिंग और कटिंग्स की इजाजत नहीं दी गई।

  1. अगली सुनवाई के लिए बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को सुनावाई के दौरान मौजूद रहने से छूट दे दी गई।
  2. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन अध्यक्ष के मीडिया इंटरव्यू का मुद्दा भी सुना, जिसमें वो IMA की तरफ उंगली उठाने के लिए आलोचना कर रहे हैं। कोर्ट ने यह इंटरव्यू मांगा है ताकि फैसला लिया जाए कि क्या एक्शन लिया जाए।
  3. उत्तराखंड लाइसेंसिंग अथॉरिटी की ओर से फाइल एफिडेविट की कोर्ट ने आलोचना की है। कहा कि अधिकारी तब जागे, जब कोर्ट ने आदेश दिया। अदालत ने कहा कि अफसरों को खुद सावधानी बरतनी थी। पूछा कि कोर्ट के आदेश के पहले और बाद में क्या एक्शन लिया गया। स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी को 14 मई तक जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं। अगली सुनवाई 17 मई को होगी।

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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