उत्तर प्रदेश में एक बार फिर ज्ञानवापी का मुद्दा गर्मा गया है। आपको बता दें वाराणसी की जिला अदालत ने व्यासजी तहखाना में पूजा की अनुमति दे दी। तहखाना में व्यास कमेटी पूजा भी शुरू हो गई है। जिसके बाद मुस्लिम पक्ष ने वाराणसी की निचली अदालत के फैसले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी ।व्यासजी तहखाना में पूजा पर रोक लगाने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी लेकिन हाई कोर्ट ने व्यासजी तहखाना में पूजा पर रोक लगाने से मना कर दिया। जिसके बाद एक बार फिर देश में ज्ञानवापी का मुद्दा गर्मा गया है।
जमीअत उलमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कई सवाल उठाए थे। वही आज अरशद मदनी ने एक्स (X) पर पोस्ट की है ।पोस्ट में लिखा है हमारा भरोसा अदालतों से पूरी तरह से उठ चुका है ।बाबरी मस्जिद का फैसला भी आस्था के आधार पर दिया गया था ।इसलिए अदालतें दूसरी मस्जिदों के लिए भी यही रुख अपना रही है हम अपनी मस्जिदों और मदरसों के मामले में हरगिज चुप नहीं रहेंगे। हमारी चुप्पी को कमजोरी समझकर फिरकापरस्तों के हौसले बढ़े हुए हैं, वे देश में शांति व भाईचारा नहीं चाहते है।