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UP-सोनभद्र में किसान ने अन्य खेती को छोड़ अपनाई फूलों की खेती,फूलों की खेती से हो रहा अच्छा मुनाफा

यूपी के सोनभद्र में बाजार में अब वर्ष भर गेंदा के फूलों की डिमांड रहती है। त्यौहारों पर प्रतिष्ठानों या घरों की सजावट करनी हो, या फिर वैवाहिक कार्यक्रम हों, बिना फूलों के पूरे नहीं हो सकते, वहीं मंदिरों पर पूजन के लिए भी फूलों की जरूरत रहती है। इसके अतिरिक्त अन्य कार्यक्रमों में भी फूलों की मांग बनी रहती है। ऐसे में गेंदा, समेत अन्य फूलों की खेती करना काफी फायदे का सौदा है। जिसे सोनभद्र के लोग काफी दिलचस्पी के साथ कर रहे है। यहां तक कि अब किसान अब आधुनिक खेती को छोड़ का खेती के तरफ रुख कर रहे है। देखा जाय तो सोनभद्र के जिला मुख्यालय पर बिच्छी गांव में एक युवक द्वारा करीब 5 बीघे गेंदा, चमेली, गुलाब के फूल की खेती की गई है। फूल की खेती करने वाले किसान जयदीप ने बताया कि इसके पूर्व में हम मुंबई रहकर कार्य करते थे और वहां से संतुष्ट ना होने पर हम घर आए और फूल की खेती करने में जुट गए।

आज के दौर में इतना महंगाई होने के बावजूद भी अपने परिवार का भरण पोषण इसी फूल की खेती के सहारे अच्छे तरीके से कर लेते हैं और अच्छा खासा इनकम भी हो जाता है। अब हम अपने घर पर ही हर वर्ष लाखों कमा रहे है।

रॉबर्ट्सगंज विकास खंड के बिच्छी गांव में पांच बीघे में हुई गेंदा समेत अन्य फूलों की खेती के प्रजातियों पर गौर करें तो गेंदा के कुछ प्रजातियों जैसे-हजारा और पांवर प्रजाति की फसल वर्ष भर की जा सकती है। एक फसल के खत्म होते ही दूसरी फसल के लिए पौध तैयार कर ली जाती है। इस खेती में जहां लागत काफी कम होती हैं, वहीं आमदनी काफी अधिक होती है। गेंदा की फसल ढाई से तीन माह में तैयार हो जाती है। इसकी फसल दो महीने में प्राप्त की जा सकती है। यदि अपना निजी खेत हैं तो एक बीघा में लागत एक हजार से डेढ़ हजार रुपये की लगती है, वहीं सिंचाई की भी अधिक जरूरत नहीं होती। मात्र दो से तीन सिंचाई करने से ही खेती लहलहाने लगती है, जबकि पैदावार चार से पांच कुंटल तक प्रति बीघा तक हो जाती है। गेंदा फूल बाजार में 90 से 100 रुपये प्रति किलो तक बिक जाता है। त्यौहारों और वैवाहिक कार्यक्रमों में जब इसकी मांग बढ़ जाती है तो दाम 150 रुपये प्रति किलो तक के हिसाब से मिल जाते हैं। गेंदा की खेती करने वाले किसान बताते हैं कि गेंदा की खेती में लागत कम हैं। त्योहारों में अच्छे दाम मिल जाते हैं, और इसकी डिमांड पूरे वर्ष ही विभिन्न कार्यक्रमों के चलते बनी रहती है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि फुल में इसमें पानी की काफी दिक्कत है। वोल्टेज सही प्रकार से ना मिलने के कारण फूल की खेती सही प्रकार से नहीं हो पा रही है। जिससे कुछ पौधे भी सूख रहे हैं अगर सही प्रकार से बिजली मिल जाए तो फसल इससे अच्छी पैदावार देगी।

By ICN Network

Ankit Srivastav (Editor in Chief )

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