गढ़मुक्तेश्वर में पहाड़ी और मैदानी इलाकों में बारिश के कारण गंगा का जलस्तर फिर बढ़ गया है जिससे खादर क्षेत्र में बसे लोगों में चिंता है। जलस्तर खतरे के निशान के करीब है जिससे गांवों और फसलों को नुकसान की आशंका है। ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी हो सकती है और पशुओं के लिए चारे की समस्या हो सकती है। प्रशासन स्थिति पर नजर रख रहा है।
पहाड़ी एवं मैदानी इलाकों में हो रही वर्षा के कारण एक बार फिर गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है। इसके कारण गंगा खादर क्षेत्र में बसे लोगों में बेचैनी पसरनी शुरू हो गई है। यदि इसी तरह वर्षा होती रहीं तो अगले कुछ दिनों में खादर क्षेत्र में बाढ़ के आसार बन सकते है।
गढ़मुक्तेश्वर गंगा की तलहटी में रामपुर न्यामतपुर, कुदैनी की मंढैया, भगवंतपुर, नयागांव, नयाबांस, काकाठेर, गढ़ावली, लठीरा आदि गांव बसे हुए है। इन गांवों में करीब 40 हजार से अधिक की आबादी रहती है। करीब दो सप्ताह पूर्व गंगा का जलस्तर यलो अलर्ट से मात्र कुछ सेंटीमीटर की दूरी पर रह गया था।
इसके बाद वर्षा के हिसाब से गंगा के जलस्तर में उतार-चढ़ाव होता रहा। इस बीच एक बार फिर गंगा का जलस्तर यलो अलर्ट 198.50 सेंटीमीटर पर पहुंच गया है। जो 198.75 सेंटीमीटर से मात्र 25 सेंटीमीटर की दूरी पर रह गया है।लोगों का कहना है कि यदि इसी तरह वर्षा होती रहीं तो अगले कुछ दिनों में गंगा का जलस्तर यलो अलर्ट को पार कर सकता है। जिसके बाद गंगा का पानी गांव एवं जंगलों में भरने से फसलों को भारी नुकसान होगा।
वहीं, गांव देहात से गढ़ नगर को आने वाले रास्तों पर जलभराव होने के कारण ग्रामीणों के साथ ही विशेषकर छोटे बच्चे एवं महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। वहीं चारा गलने के कारण पशुओं के सामने चारे का संकट खड़ा हो सकता है।