Report By : Rishabh Singh, ICN Network
यूक्रेन जंग के बीच रूस की सेना में तैनात 2 और भारतीयों की मौत हो गई है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। इसके बाद भारत ने कहा है कि रूस हर हाल में अपनी सेना में भारतीयों को भर्ती करना बंद करे। यह दोनों देशों के रिश्ते के लिए सही नहीं है।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, मॉस्को में भारतीय दूतावास ने दोनों भारतीय नागरिकों के शवों को जल्द से जल्द स्वदेश वापस लाने के लिए रूस के रक्षा मंत्रालय समेत रूसी अधिकारियों पर दबाव डाला है। इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों की मौत पर दुख जताया है।
विदेश मंत्रालय ने भारतीयों को भी रूस में नौकरी का ऑफर मिलने पर सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने बताया कि सरकार ने रूस से वहां की सेना में भर्ती भारतीयों को देश वापस भेजने की मांग की है। भारत में मौजूद रूस के राजदूत के समक्ष ये बात रखी गई ।
रूस की सेना में भर्ती कई भारतीय नागरिकों की अब तक मौत हो चुकी है। अप्रैल ने भारत की जांच एजेंसी CBI ने भारतीयों को धोखे से रूस-यूक्रेन जंग में भेजने के मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से तीन लोग भारत के थे, जबकि एक रूस के रक्षा मंत्रालय में काम करने वाला ट्रांसलेटर था।
सभी लोग एक नेटवर्क का हिस्सा थे, जिसमें सोशल मीडिया के जरिए भारतीय को नौकरी और अच्छी सैलरी का लालच देकर फंसाया जाता है। CBI के मुताबिक, दिल्ली-बेस्ड एक वीजा कंपनी अब तक करीब 180 भारतीयों को रूस भेज चुकी है।
वीडियो में बताया जाता है कि नौकरी लेने वाले लोगों को बॉर्डर पर जंग लड़ने नहीं जाना होगा। उन्हें 3 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिस दौरान 40 हजार रुपए की सैलेरी मिलेगी। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद तनख्वाह 1 लाख रुपए हो जाएगी।
जब भारतीय झांसे में आकर रूस चले जाते हैं, तो उन्हें जबरदस्ती मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाती है। उन्हें झूठे दस्तावेज दिखाए जाते हैं, जिस पर लिखा होता है कि अगर वे रूसी आर्मी में भर्ती नहीं हुए तो उन्हें 10 साल जेल की सजा हो जाएगी।