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कानपुर में निवेश धोखाधड़ी, साइन सिटी के मुखिया समेत 8 लोगों पर FIR दर्ज

जूही थानाक्षेत्र की घटना, अफसरों के सुनवाई न करने पर कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई

कानपुर के जूही थाना क्षेत्र में एक युवक से साइन सिटी के नाम पर लाखों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। इस संबंध में पीड़ित ने न्यायालय के आदेश पर साइन सिटी के मुखिया समेत आठ लोगों के खिलाफ संगीन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

किदवई नगर ओ-ब्लॉक, कैलाश अपार्टमेंट निवासी सचिन जैन के अनुसार, उनसे साइन सिटी के नाम पर 7.80 लाख रुपये नकद और हर महीने 5,000 रुपये की किस्त के रूप में कुल 2.18 लाख रुपये का निवेश कराया गया। निवेश के दौरान उन्हें बताया गया कि तीन साल बाद उनकी राशि तीन गुना हो जाएगी और वे कंपनी द्वारा जारी पोस्ट-डेटेड चेक के माध्यम से अपना पैसा प्राप्त कर सकेंगे।

झूठे वादों से किया निवेश

सचिन को बताया गया कि कंपनी सस्ती जमीन खरीदकर उसे विकसित करती है और लगभग चार गुना लाभ कमाती है। इसी लाभ से निवेशकों को ढाई से तीन गुना रिटर्न दिया जाता है। विश्वास में आकर सचिन ने पहली किस्त के रूप में प्रयागराज जाकर 3 लाख रुपये नकद दिए। तीन महीने बाद दूसरी किस्त 2.80 लाख रुपये और फिर तीसरी किस्त के रूप में 2 लाख रुपये जमा कराए।

कंपनी ने कहा कि यदि निवेशक एकमुश्त रकम जमा नहीं कर सकते, तो वे 5,000 रुपये प्रति माह की किस्त जमा कर सकते हैं और चार साल के भीतर अपनी पूंजी का तीन गुना प्राप्त कर सकेंगे। निवेशकों को यह सुविधा कंपनी की बढ़ती साख के कारण दी जा रही थी। साथ ही, कंपनी ने भरोसा दिलाया कि अब वे अपनी किस्तें कानपुर के मालरोड स्थित ऑफिस में जमा कर सकते हैं।

धोखाधड़ी का खुलासा

कुछ वर्षों तक किस्त भरने के बाद, अन्य निवेशकों से जानकारी मिली कि कंपनी भाग रही है। इस खबर से चिंतित होकर सचिन प्रयागराज स्थित साइन सिटी के ऑफिस पहुंचे, जहां उन्होंने पाया कि वही लोग अब “लोकेन्द्रो” नाम की कंपनी के नाम से फर्जीवाड़ा कर रहे थे। यह देखकर उनके होश उड़ गए। जब उन्होंने विरोध किया, तो आरोपियों ने गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी और धक्का देकर उन्हें ऑफिस से बाहर निकाल दिया।

ठगी के बड़े रैकेट का हुआ खुलासा

सचिन ने बताया कि साइन सिटी का ऑफिस सिविल लाइंस स्थित बिग बाजार के पास था। यह कंपनी लोगों को मोटे मुनाफे और जमीन का लालच देकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर निवेश कराती थी और बाद में रकम हड़प लेती थी। यही लोग अब लोकेन्द्रो कंपनी के नाम से उसी ठगी को अंजाम दे रहे थे। इस धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए 6-8 लोगों के गिरोह सक्रिय थे, जो विरोध करने पर निवेशकों को धमकाते थे।

जब सचिन ने अपना पैसा वापस मांगा, तो उनसे 1 लाख रुपये रिश्वत देने की मांग की गई। उन्होंने 40 हजार रुपये दे भी दिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने मुख्यमंत्री, पुलिस कमिश्नर और अन्य अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई हल नहीं निकला। अंततः उन्होंने न्यायालय से गुहार लगाई, जिसके बाद FIR दर्ज हुई।

आरोपियों पर दर्ज हुआ मुकदमा

जूही थाना प्रभारी मनोज मिश्र के अनुसार, न्यायालय के आदेश पर आरोपी राशिद, आसिफ नफीस, मोहम्मद जसीम खान, आलोक सिंह चंदेल, मोहित गौतम, रामेश्वर तिवारी और जावेद इकबाल के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, बेईमानी और धमकाने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है

By admin

Journalist & Entertainer Ankit Srivastav ( Ankshree)

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